पंचकूला: नए साल के कार्यक्रम के बीच में पुलिस ने दिसंबर महीने के दौरान ट्रेस किए गए 20 मोबाइल फोन लौटा दिए हैं। इन मोबाइल फोन की अनुमानित कीमत 5 लाख रुपये की बताई जा रही है। मोबाइल फोन वापिस लेकर सभी लोगों ने पुलिस का धन्यवाद किया।
इस मौके पर एसीपी विक्रम नेहरा ने मोबाइल धारकों से मुलाकात करके उन्हें नए साल की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पंचकूला पुलिस का मुख्य उद्देश्य जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना और पुलिस व नागरिकों के बीच में विश्वास को और मजबूत बनाना है।
उन्होंने बताया कि तकनीक का इस्तेमाल करके और टीमवर्क के जरिए साइबर सेल लगातार गुम हुए फोन को ट्रेस करके उन्हें वास्तविक मालिकों तक पहुंचा रही है। एसीपी विक्रम नेहरा ने जानकारी देते हुए कहा कि पंचकूला पुलिस की साइबर सेल के द्वारा साल 2025 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक कुल 150 गुम हुए फोन सफलतापूर्वक ट्रेस करके उनके असली मालिकों को लौटाए गए हैं।
डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता ने इसका श्रेय साइबर सेल की पूरी टीम को दिया। उन्होंने कहा कि साइबर सेल इंचार्ज इंस्पेक्टर निर्मल सिंह, सब इंस्पेक्टर रामू स्वामी, सिपाही रजनीश, सिपाही पवन सहित टीम के अन्य कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत, तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए फोन ट्रेस किए और उन्हें उनके मालिकों को दिया।
अगर आपका मोबाइल फोन चोरी हो गया है या गुम हो गया है तो आप भारत सरकार द्वारा संचालित CEIR (Central Equipment Identity Register) पोर्टल आपकी मदद के लिए एक प्रभावशाली ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है। यह केंद्रीकृत प्रणाली गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करने और ट्रैक करने में सहायक है, जिससे उसका दुरुपयोग रोका जा सके।
सबसे पहले अपने पास के पुलिस स्टेशन में जाकर मोबाइल गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराएं और FIR की कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें। इसके बाद आप ceir.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। पोर्टल पर “Block Your Lost/Stolen Mobile” यानी “अपने खोए / चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक करें” का ऑप्शन चुनें।
इसके बाद एक फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको अपना मोबाइल नंबर, IMEI नंबर, मोबाइल का ब्रांड और मॉडल, खोने की तारीख और स्थान, FIR नंबर, और पहचान पत्र जैसी जानकारी भरनी होगी। इसके साथ ही मोबाइल की खरीद की रसीद (इनवॉइस) और FIR की कॉपी जैसे दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे। सभी जानकारी भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद फॉर्म को सबमिट करें। सबमिट करने के बाद आपको एक Request ID प्राप्त होगी, जिसकी मदद से आप अपने आवेदन की स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।