चंडीगढ़ः पंजाब सरकार की ओर से मनरेगा योजना को लेकर आज विधानसभा में स्पेशल सेशन रखा गया है। जहां भारी हंगामा देखने को मिल रहा है। वहीं विधानसभा में कैबिनेट मंत्री तरुणपीत सिंह सौंद ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र ने दलितों की रोज़ी-रोटी छीन ली है। मनरेगा का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार मनरेगा को पूरी तरह खत्म करने के लिए दृढ़ निश्चयी है। यह उनके खिलाफ़ एक प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मनरेगा को खत्म करके दलित समुदाय की रोज़ी-रोटी छीन ली है।
सदन का मानना है कि भाजपा ने केवल केंद्रीय योजना को तबाह नहीं किया, बल्कि मज़दूरों पर हमला किया है। यह योजना गरीब परिवारों के लिए रोज़ी-रोटी का साधन थी। मनरेगा को खत्म करना दलित मज़दूर-विरोधी फैसला है। वहीं उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। क्योंकि वह 2027 में भाजपा के साथ गठजोड़ बनाना चाहता है। वे मांग करते हैं कि केंद्र सरकार इस योजना को वापस ले। पंजाब विधानसभा दलितों और मज़दूरों के साथ खड़ी है।
दूसरी ओर विधानसभा में विधायक डॉ. सुखविंदर कुमार सुखी ने जैसे बोलना शुरू किया, कांग्रेस पार्टी ने उनसे पूछा कि वे किस पार्टी से संबंधित हैं। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मांग की कि वे स्पष्ट करें कि उनका संबंध किस पार्टी से है। उप सभापति ने जवाब दिया कि क्या पार्टी महत्वपूर्ण है या मुद्दा महत्वपूर्ण है? आप (बाजवा) पहले ही सत्र को समय की बर्बादी कहते हैं। ऐसा समझा जाता है कि आप सत्र में गरीबों पर चर्चा होने नहीं देते। बता दें कि सुखविंदर अकाली दल छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बाद में आप इसमें विपक्षी पार्टियों का भी समय शामिल करेंगे। इसके बाद सदन में बहस छिड़ गई। उधर, अमन अरोड़ा ने जवाब देते हुए कहा कि मैं आम आदमी पार्टी का नेता हूं। उन्होंने कहा कि संदीप जाखड़ का कांग्रेस में जो रुतबा है, सुखी साहब का भी वही रुतबा है। अरोड़ा ने कहा कि आज बाजवा साहब कांग्रेस की तुलना में भाजपा की ओर ज़्यादा झुकाव रखते दिखाई देते हैं।