जालंधरः मशहूर पंजाबी सिंगर मास्टर सलीम के पिता उस्ताद पूरन शाहकोटी का बीते दिनों निधन हो गया था। 30 दिसंबर को उस्ताद पूरन शाहकोटी की अंतिम अरदास करवाई गई। वहीं उनके निधन के 8वें दिन जगराते में गाने के लिए पहुंचे। फगवाड़ा के धर्मकोट मोहल्ला में आयोजित कार्यक्रम में मंच पर मास्टर सलीम पिता को याद कर भावुक हो गए। माता रानी के चरणों में अरदास करते हुए उन्होंने कहा, आज वे जितना भी गा सकेंगे, माता उसे स्वीकार करें। सलीम ने कहा कि कलाकार का दुख या पीड़ा जितनी भी बड़ी हो उसे गाना पड़ता है।
उन्होने जोकर फिल्म का किस्सा सुनाते हुए बताया कि, मेरा हाल आज जोकर फिल्म के किरदार की तरह है। उसकी भी मां का निधन हो गया था, लेकिन बावजूद इसके लोगों को जोकर बनकर हंसाना पड़ा था। सलीम ने कहा कि मेरे पिता जी ने मुझे जागरण में भजन गाना सिखाया। महामाई की कृपा से जहां तक पहुंचा हूं। अपने पिता के महामाई के आगे अरदास करूंगा उनको अपने चरणों में निवास दे।
उन्होंने कहा कि कलाकार की जिंदगी आसान नहीं होती। घर में चाहे कितनी भी बड़ी त्रासदी क्यों न हो, कलाकार को लोगों के सामने अपनी जिम्मेदारी निभानी ही पड़ती है। उन्होंने कहा कि जगराता कोई सामान्य कार्यक्रम नहीं बल्कि बेहद पवित्र और श्रद्धा से जुड़ा आयोजन होता है। इसी कारण वह इसे मना नहीं कर सके। उन्होंने भावुक होकर इस दौरान आंखों में आसू भर लिए और आयोजकों ने उन्हें चुप करवाया। उन्होंने बताया कि जब भी माता रानी की कोई एल्बम रिकॉर्ड होती थी, वे उन्हें गणेश वंदना और विशेष भेंटें गाने के लिए प्रेरित करते थे। जगराते में मास्टर सलीम ने पूरी श्रद्धा और भावुकता के साथ माता रानी की भेंटें प्रस्तुत कीं, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।
बता दें कि कलाकारों की ऐसी ही पीड़ा को खान साहब भी बयां कर चुके हैं। उनको भी पिता की मौत के बाद दिल्ली में शो करना पड़ा था। खान साब ने भी कहा था कि बुक हुए शो को आयोजक कैंसिल नहीं करने देते। उस वीडियो को देखकर भी कई लोग भावुक हुए थे।