जालंधर, ENS: मलसियां बस अड्डे पर एक आदमी का शव मिलने पर 24 साल पहले अतिंम संस्कार कर दिया गया था। दरअसल, 2001 को एक पिता के साथ मेले में गया था, लेकिन वापिस नहीं लौटा। जिसके बाद 2009 में मां की मौत हो गई। लेकिन अब वापिस लौटने पर परिवार के होश उड़ गए। वहीं शाहकोट के गांव ईसेवाल के बेआसिरां आश्रम के संचालक जिन्दर मान ने बताया कि जनवरी 2023 में उन्हें मलसियां बस अड्डे पर एक आदमी लावारिस हालत में मिला था, जिसे वे देखभाल के लिए अपने आश्रम ले आए थे। मानसिक हालत ठीक न होने के कारण वह आश्रम में रहकर किसी से बात नहीं करता था, केवल अपने आप से बातें करता रहता था, जो समझ के परे थी।
केवल यही समझ आता था कि वह अपने परिवार से मिलना चाहता है। सोशल मीडिया और अन्य कई तरीकों से उसके घर का पता लगाने की बहुत कोशिशें की गईं पर सफलता नहीं मिली। एक दिन जब ट्रक ड्राइवर ने औरंगाबाद बिहार का ज़िक्र किया। बार-बार पूछताछ करने पर उसने अपना गाँव भोपटपुर, बिहार बताया। बहुत कोशिशों के बाद चंडीगढ़ के शुभाष के माध्यम से उसके परिवार से संपर्क किया गया।
पहले तो परिवार ने इस पर विश्वास नहीं किया, पर वीडियो कॉल पर बात करने के बाद वे यकीन कर गए और आज वे उसे लेने के लिए आश्रम पहुँचे। उसके पुत्र संतोष ने बताया कि उनके पिता 2001 में एक मेले में गए थे और कभी वापस नहीं आए। उन्होंने बहुत तलाश करने पर उनका कोई सुराग नहीं मिला। माँ की 2009 में मृत्यु हो गई। माँ के अंतिम संस्कार के साथ ही उन्होंने पिता को मृत मानते हुए उनकी अंतिम रस्में कर दीं। 24 सालों बाद जब उनके बच्चे बड़े हो गए हैं, तो अपने पिता को ज़िंदा देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने जिन्दर मान ईसेवाल का परिवार को पुनः मिलवाने के लिए तह दिल से धन्यवाद किया।