Loading...
- Advertisement -
HomeGovernment NewsMNREGA खत्म करने के फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया विरोध

MNREGA खत्म करने के फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया विरोध

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज रिज मैदान शिमला में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा को समाप्त करने के विरोध में अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ धरना दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के साथ कुठाराघात किया है।

उन्होंने कहा कि मनरेगा को ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा आरम्भ किया गया था, जोकि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह तथा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी की सोच थी। मनरेगा में पहले ग्राम पंचायत के प्रधान और ग्राम सभा की मांग पर लोगों के लिए विकास योजनाएं बनती थीं तथा लागू की जाती थीं। जबकि अब प्रधान योजनाएं नहीं बनाएंगे। अब इस योजना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा धनराशि का आवंटन होगा तथा उनके द्वारा ही क्षेत्र विशेष में विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केन्द्र सरकार के इस निर्णय के विरोध में जिला तथा ब्लॉक स्तर पर धरना देगी ताकि लोगों को केन्द्र सरकार के इस जन विरोधी निर्णय के बारे में जागरूक किया जा सके। सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए और भी दुःख का विषय है कि मनरेगा में पहले प्रदेश के लिए 100 प्रतिशत दिहाड़ी केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाता था तथा अतिरिक्त 80 रूपये प्रदेश सरकार द्वारा अपनी तरफ से मजदूरों को दिहाड़ी के दिये जाते थे। उन्होंने कहा कि अब नये प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के लिए 90 प्रतिशत दिहाड़ी केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाएगा तथा 10 प्रतिशत दिहाड़ी प्रदेश सरकार द्वारा वहन किये जाएंगे। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि इस योजना को पंचायतों की मांग के आधार पर किया जाए तथा उनकी विकासात्मक जरूरतों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

नई योजना में जिला परिषदों में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिये जा रहे पैसों को भी समाप्त कर दिया है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सेब पर आयात शुल्क घटाने का भी विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के बागवानों को काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि वे इस मसले को केन्द्र सरकार से उठायेंगे ताकि प्रदेश के बागवानों के हितों की रक्षा की जा सके।

इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विनय कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, आयुष मंत्री यादवेन्द्र गोमा, सह प्रभारी हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी चेतन चौहान, विधायक चन्द्रशेखर, अनुराधा राणा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, शिमला नगर निगम के महापौर सुरेन्द्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, पार्षद, विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page