जालंधर, ENS: महानगर के श्री देवी तालाब मंदिर परिसर में 150वें ऐतिहासिक बाबा हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ। वहीं, इस आयोजन में भाग लेने के लिये पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया श्री देवी तालाब मंदिर के प्रांगण में पहुंचे। इस दौरान उनका पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया। इसके बाद राज्यपाल ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर देश और प्रदेश की सुख-शांति की कामना की।
संगीत सम्मेलन में शामिल होना मेरा सौभाग्य: राज्यपाल
मीडिया को संबोधित करते हुए राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मेरा यह सौभाग्य है कि मुझे इस प्रतिष्ठित संगीत सम्मेलन में शामिल होने का अवसर मिला। इसके लिए मैं सभी आयोजकों का आभार व्यक्त करता हूं।
बाबा हरिवल्लभ जी का जीवन प्रेरणादायक
राज्यपाल ने बाबा हरिवल्लभ जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनके माता-पिता का निधन बहुत कम उम्र में हो गया था। इसके बाद बाबा हरिवल्लभ जी ने अपने नाना के पास रहकर शिक्षा और संस्कार प्राप्त किए। वह नाना के पास बड़े हुए और नाना उनको श्री देवी तालाब रहने वाले संत गिरि के पास लेकर आते थे, जहां वह उनके गीत संगीत सुनते थे। संत के कारण बच्चे के मन में संगीत के प्रति रुझान पैदा हुआ कि अगर वास्तव में अगर व्यक्ति को ईश्वर के प्रति नजदीक जाना है तो उसमे यह बहुत मजबूत रास्ता है और उन्होंने इसकी साधना शुरू की। उन्होंने कहा कि आज जो हरि बल्लभ संगीत सम्मेलन 150 वर्ष पूरे हुए हैं, जब बाबा की पहली बरसी थी, तब उन्होंने संकल्प लिया था कि यह संगीत सभ्यता हर साल होगी, तब से लेकर अब तक 150 साल से यह साधना चल रही है। उन्होंने कहा संगीत एक साधना है और संगीत व्यक्ति को भगवान के नजदीक जाने का एक रास्ता है।
देशभर से पहुंचे संगीत प्रेमी…
राज्यपाल ने बताया कि देश के कोने-कोने से आए संगीत प्रेमी और कलाकार इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हर साल की तरह इस साल भी सभी कलाकार और संगीत प्रेमी इस आयोजन की शोभा बढ़ा रहे हैं।
महात्मा गांधी जी भी कर चुके हैं इस स्थल का दौरा
राज्यपाल ने यह भी बताया कि यह स्थल ऐतिहासिक महत्व रखता है और महात्मा गांधी जी भी यहां आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि बाबा हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन भारतीय संगीत परंपरा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।