चंडीगढ़: पंजाब जेल विभाग ने अपनी वर्ष-अंत उपलब्धि रिपोर्ट जारी की, जिसमें राज्य की सुधारात्मक संस्थाओं को पुनर्वास, स्थिरता और आधुनिक सुरक्षा केंद्रों में बदलने की पहलों को उजागर किया गया। जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पंजाब सरकार कैदियों के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने, तकनीक के माध्यम से सुरक्षा बढ़ाने और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से हुनरमंद बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में जेलों को स्वच्छ वातावरण और उच्च-तकनीकी सुरक्षा के साथ पुनर्परिभाषित किया गया है, जिससे कैदियों को जीवन को दोबारा संवारने का अवसर मिल सके।
वर्ष की प्रमुख पहलों में पंजाब जेल ओलंपिक का आयोजन किया गया, जिससे कैदियों में खेल भावना और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा मिला। जेलों में पौधारोपण अभियान से कई स्थानों को हरित और स्वच्छ बनाया गया। साथ ही, गोर्शियां कादरबख्श, लुधियाना में 100 करोड़ रुपये की लागत से नई उच्च-सुरक्षा जेल का निर्माण और मोहाली में ‘जेल भवन’ मुख्यालय का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
जेल मंत्री ने वर्ष 2025 में हुई भर्ती और सुरक्षा उन्नयन के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान 815 वार्डर और 32 मैट्रन की भर्ती पूरी की गई, जबकि 175 वार्डर और 4 मैट्रन की भर्ती जल्द पूरी होगी। आधुनिक सुरक्षा उपकरण जैसे एआई आधारित सीसीटीवी, एक्स-रे बैगेज स्कैनर और बॉडी-वॉर्न कैमरे 126 करोड़ रुपये की लागत से जेलों में लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, 9 जेलों में कैदियों द्वारा संचालित पेट्रोल पंप शुरू किए गए हैं और 11 जेलों में आईटीआई कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत 1016 बंदियों को प्रमाणित प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।