अमृतसर: शहर के पवित्र दुर्गियाना मंदिर के बाहर दुर्गियाना समिति की ओर से रोष प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदु युवक दीपू दास के समर्थन में किया गया। इस दौरान भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए और बांग्लादेश के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा निकालते हुए मंदिर के बाहर बांग्लादेश का झंडा पांव के नीचे रखा दिया। दुर्गियाना समिति के सदस्य डॉ. रमेश कुमार ने कहा कि हाल ही में बांग्लादेश में दीपु दास के साथ हुई हिंसा हर भारतीय के दिल को झकझोर देने वाली है।
उन्होंने यह भी याद दिलवाया कि भारत ने 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए भारी बलिदान दिए और लगभग 94 हजार पाकिस्तान सैनिकों को सरेंडर करने पर मजबूर भी किया। डॉ. कुमार ने आगे कहा कि आज वही बांग्लादेश हिंदुओं और निर्दोष लोगों के खिलाफ अत्याचार कर रहा है जिसे कभी भी भारतीय लोगों के द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दुर्गियाना समिति के प्रधान लक्ष्मीकांत चावला ने कहा कि यह रोष सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं है बल्कि हर उस हिंदू के लिए है जो बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों का शिकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि बेटियों का अपमान, घरों में आग लगाना और लोगों को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करना हर भारतीय को पीड़ा देता है।
समिति ने केंद्र सरकार से अपील भी की है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए जल्दी और सख्त कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य मेें ऐसी दुखद घटनाएं दोहराई न जाएं।
