ऊना/सुशील पंडित: संयुक्ता चौधरी हिमोत्कर्ष महिला प्रशिक्षण संस्थान, ऊना में हिमोत्कर्ष महिला मंच द्वारा तुलसी पूजन की महत्ता विषय पर एक विस्तृत जागरूकता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं एवं प्रशिक्षार्थियों को भारतीय संस्कृति में तुलसी के धार्मिक, सामाजिक, आयुर्वेदिक एवं पर्यावरणीय महत्व से परिचित कराना रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक विधि-विधान से तुलसी पूजन के साथ किया गया। इस अवसर पर मंच की वरिष्ठ सदस्य रंजना जसवाल ने बताया कि तुलसी को सनातन संस्कृति में माता का स्थान प्राप्त है और इसे घर-आंगन में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी पूजन से मानसिक शांति, आत्मिक संतुलन एवं पारिवारिक सुख-समृद्धि का भाव विकसित होता है। उन्होंने तुलसी के औषधीय गुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तुलसी आयुर्वेद की एक अमूल्य औषधि है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, सर्दी-खांसी, ज्वर, दमा तथा श्वसन संबंधी रोगों में अत्यंत लाभकारी है।

इसके नियमित सेवन से शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखा जा सकता है। साथ ही तुलसी का पौधा वायुमंडल को शुद्ध करने में सहायक होता है,जिससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलता है। कार्यक्रम के दौरान योग वेदांत सेवा समिति की सदस्य नंद रानी ने महिलाओं व छात्राओं को तुलसी पौधारोपण, उसकी देखभाल तथा प्राकृतिक एवं संस्कारयुक्त जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोडऩा समय की आवश्यकता है, ताकि परंपराओं के साथ-साथ स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा भी सुनिश्चित की जा सके। इस अवसर पर संयुक्ता चौधरी हिमोत्कर्ष महिला प्रशिक्षण संस्थान की प्रशिक्षिकाएं रंजू बाला, मीना ठाकुर, निशा कुमारी, कमला, हिमोत्कर्ष महिला मंच की उपाध्यक्ष सुमन पुरी,प्रेस सचिव रमा कंवर, सदस्य अनीति सूद,मंजू मनकोटिया, मनीषी ठाकुर, रंजना जसवाल, रेखा शर्मा, योग वेदांत सेवा समिति सदस्य सोनिया, सोनू, श्वेता व नंद रानी सहित संस्थान की प्रशिक्षार्थी छात्राएं उपस्थित रहीं।
