चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को बदलकर VB-G RAM G (विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण) लाने के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे गरीबों की आजीविका पर सीधा हमला बताया और कहा कि बीजेपी सरकार महात्मा गांधी का नाम हटाने के साथ-साथ योजना की मूल भावना को खत्म करने पर लगी है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा, जिसमें पंजाबियों की आवाज़ को केंद्र तक पहुंचाया जाएगा।

लोकसभा में इस नए विधेयक को पारित कर दिया गया है, जिसमें ग्रामीण परिवारों को प्रतिवर्ष 125 दिन का रोजगार गारंटी देने का प्रावधान है। हालांकि, विपक्ष और आम आदमी पार्टी का आरोप है कि यह बदलाव सिर्फ कागजों तक सीमित है। योजना का वित्त पोषण अब राज्यों और केंद्र के बीच 60:40 के अनुपात में होगा, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर राज्यों जैसे पंजाब के लिए यह बड़ी चुनौती बन सकती है। इसके अलावा, “नॉर्मेटिव फंडिंग”, “नो वर्क पीरियड” और बेरोज़गारी भत्ते जैसे बदलाव अधिकार आधारित योजना को विवेकाधीन बना सकते हैं।
इस फैसले के खिलाफ पूरे पंजाब में विरोध शुरू हो गया है। किसान मजदूर यूनियन और विपक्षी दलों ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के पुतले फूंके। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब की सरकार गरीबों के अधिकारों के लिए लड़ेगी और सुनिश्चित करेगी कि ग्रामीण मजदूरों को उनकी मजदूरी और रोजगार की गारंटी मिले। उनका जोर है कि नाम बदलना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि असली काम यह है कि गरीबों की आजीविका सुरक्षित रहे।