जालंधरः न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड के उपनगर मनुरेवा में नगर कीर्तन का विरोध करने वाले सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। विरोध करने वाले गुट के ब्रायन टमाकी ने इस हंगामे को लेकर एक्स पर 5 पोस्ट की। उसने कहा कि हमें न्यूजीलैंड की सड़कों पर खालिस्तानी झंडे लहराने पर आपत्ति है।
हम जानते हैं कि खालिस्तानी सिख नहीं हैं। भारत ने इनको आतंकवादी घोषित कर रखा है। अब ये हमारी धरती का यूज कर रहे हैं। हमें सिखों से आपत्ति नहीं हैं, लेकिन हम न्यूजीलैंड को न्यूजीलैंड रहने देना चाहते हैं। यहां के स्थानीय सभ्याचार को इनसे खतरा पैदा हो गया है।
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— Encounter India (@Encounter_India) December 22, 2025
पोस्ट में ब्रायन टमाकी ने लिखा कि न्यूजीलैंड में सिख आबादी 50 हजार से अधिक है। ये न्यूजीलैंड की पापुलेशन का 5 फीसदी है। हमें कल्चर की चिंता है। एक विचारधारा के देश में कई विचारधाराएं पैदा हो गई हैं। न्यूजीलैंड में सिख संगत के नगर कीर्तन के विरोध को लेकर की पोस्टों में टमाकी ने कहा कि हमने अपना पक्ष मजबूती से रखा है। न कोई हिंसा हुई, न ही कोई दंगा। बस मेरे युवाओं ने आमने-सामने होकर हाका प्रस्तुत किया ताकि एक साफ संदेश दिया जा सके कि न्यूजीलैंड को न्यूजीलैंड ही रहने दें। जहां एक तरफ सिखों और खालिस्तानी तत्वों ने मैनुरेवा के कुछ हिस्सों को घंटों तक बंद रखा वहीं तलवारें और खंजर लहराए। प्रवासी और चरमपंथी झंडे फहराए गए। ये उन्हें पसंद नहीं है। हमने अपने देश की सरकार को याद दिलाई कि ये यहां के लोगों की सड़कें हैं। यह हमारी जमीन है। हाका कोई नफरत नहीं है।
चार साहिबजादों का शहीदी दिहाड़ा मनाने को लेकर न्यूजीलैंड की सिख जत्थेबंदियां तैयारियां कर रही थीं। इसे लेकर कुछ जगह पर नगर कीर्तन निकाले जा चुके थे। जब मनुरेवा में नगर कीर्तन की बारी आई तो इससे ठीक पहले द फ्रीडम्स एंड राइट्स कोएलिशन के संस्थापक टमाकी ने एक पोस्ट की।
इसमें लिखा- बस बहुत हुआ दोस्तों, हम इन घुसपैठियों को अपनी सड़कों, कस्बों, शहरों और देश पर इस तरह कब्जा नहीं करने दे सकते। लक्सन, सेमोर और पीटर्स ने यह सब होने दिया और इसे रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया। अब हम देश की जनता अपने देश और अपनी संसद को वापस लेंगे। अब बड़े बदलाव का समय आ गया है। इस पोस्ट के बाद न्यूजीलैंड के स्थानीय लोग भी टमाकी के पक्ष में उतर आए और नगर कीर्तन के विरोध का प्लान बनाया। टमाकी की ये संस्था न्यूजीलैंड में धर्म, परिवार और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करती है।