चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 328 स्वरूपों के मामले में एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, जांच के लिए 6 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। एसआईटी की अध्यक्षता एआईजी जगतप्रीत सिंह (विजिलेंस) करेंगे। एसआईटी की निगरानी अमृतसर पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर करेंगे।

मामले की गंभीरता को देखते हुए 7 दिसंबर 2025 को थाना सी डिवीजन, पुलिस कमिशनरेट अमृतसर में एफ.आई.आर. नंबर 168 दर्ज की गई। पुलिस का मानना है कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि एक साज़िश और रिकॉर्ड में हेराफेरी का मामला भी हो सकता है। एफ.आई.आर. के बाद स्थानीय स्तर पर शुरू हुई जांच के दौरान जैसे-जैसे तथ्य उजागर होते गए, यह मामला और भी संवेदनशील होता गया।
सिख संगर और धार्मिक संगठनों में रोष फैल गया। निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग उठने लगी। संगर ने इसे सीधे आस्था और मर्यादा से जुड़ा मामला बताते हुए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। मामले की गंभीरता और सामाजिक प्रभाव को देखते हुए ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन, पंजाब द्वारा एस.आई.टी. का गठन किया गया।
विशेष जांच टीम के चेयरमैन के रूप में ए.आई.जी. विजिलेंस मोहाली जगतप्रीत सिंह (पी.पी.एस.) को नियुक्त किया गया है। उनके साथ टीम में डी.सी.पी. (इन्वेस्टिगेशन) अमृतसर रविंदरपाल सिंह संधू, वरिष्ठ डी.सी.पी. अमृतसर हरपाल सिंह संधू, एस.पी.-डी पटियाला गुरबंस सिंह बैन्स, ए.सी.पी. लुधियाना बयंत जुनेजा और ए.सी.पी.-डी अमृतसर हरमिंदर सिंह को सदस्य बनाया गया है। आवश्यकता पड़ने पर और पुलिस अधिकारियों को भी एस.आई.टी. में शामिल किया जा सकेगा।