नेशनल डेस्क। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को विकसित भारत–रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) गारंटी बिल, 2025 यानी वीबी-जी राम जी को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद यह विधेयक अब आधिकारिक तौर पर कानून बन गया है। इससे पहले यह बिल संसद के लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से पारित हो चुका था।
मनरेगा की जगह लेगा नया कानून
यह नया कानून करीब 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेगा। सरकार का कहना है कि यह कानून विकसित भारत 2047 के विजन को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, ताकि ग्रामीण इलाकों में रोजगार और आय सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।
100 की जगह अब 125 दिन का रोजगार
नए कानून के तहत अब ग्रामीण परिवारों को हर वित्तीय वर्ष में कम से कम 125 दिन का रोजगार देना सरकार की कानूनी जिम्मेदारी होगी। पहले यह सीमा 100 दिन थी। यानी अब ग्रामीण मजदूरों को 25 दिन ज्यादा काम और मजदूरी मिलेगी।
1 अप्रैल 2026 से लागू होगा कानून
सरकार इस कानून को 1 अप्रैल 2026 से पूरे देश में लागू करने की तैयारी कर रही है। इसके बाद ग्रामीण रोजगार से जुड़ी सभी योजनाएं इसी नए कानून के तहत चलाई जाएंगी।
मजदूरी भुगतान के सख्त नियम
कानून में मजदूरी भुगतान को लेकर भी सख्त प्रावधान किए गए हैं। मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक या अधिकतम 15 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा। अगर तय समय पर भुगतान नहीं हुआ तो मजदूरों को देरी का मुआवजा भी दिया जाएगा।
ग्रामीण विकास और टिकाऊ संपत्तियों पर जोर
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, इस कानून का उद्देश्य सिर्फ रोजगार देना नहीं है, बल्कि टिकाऊ और उपयोगी परिसंपत्तियों का निर्माण, स्थानीय संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण आय सुरक्षा को मजबूत करना भी है।
संसद में विपक्ष का विरोध
यह विधेयक संसद में विपक्ष के विरोध के बीच पारित हुआ। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने मनरेगा में से महात्मा गांधी का नाम हटाकर उनकी विरासत को कमजोर किया है।
सरकार का पलटवार
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी के आदर्शों की हत्या की, जबकि मोदी सरकार उन्हें जिंदा रखे हुए है। उन्होंने साफ कहा कि नया कानून ग्रामीण हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
विकसित भारत 2047 से जुड़ा कानून
सरकार के मुताबिक जी राम जी कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ विजन का अहम हिस्सा है। इसका मकसद है—ग्रामीण रोजगार बढ़ाना, आजीविका के नए अवसर पैदा करना, कृषि और गैर-कृषि रोजगार में संतुलन बनाना, योजनाओं का आपसी एकीकरण करना, ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा सीधा फायदा, सरकार का दावा है कि यह कानून ग्रामीण इलाकों में मजदूरी रोजगार के अवसर बढ़ाएगा। श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा देगा और गांवों के समग्र विकास में मदद करेगा।