मोहालीः किसानों ने पंजाब में 20 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया था। जिसको लेकर चंडीगढ़ के पंजाब भवन में अफसरों और किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं के बीच देर रात तक चली बैठक के बाद 20 दिसंबर को प्रस्तावित रेल रोको आंदोलन स्थगित कर दिया गया है। संगठन के प्रवक्ता ने बताया कि कई मुद्दों पर सहमति बन गई है। सरकार ने बिजली संशोधन विधेयक लागू न करने और स्मार्ट बिजली मीटर न लगाने का भरोसा दिया, लेकिन किसानों ने स्पष्ट किया कि आंदोलन सिर्फ स्थगित हुआ है, वापस नहीं।
लंबित मांगों पर 22 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच एक और बैठक होगी। किसान मजदूर मोर्चा अब शनिवार को एक विशेष बैठक कर सरकार से हुई बातचीत पर चर्चा करेगा। शुक्रवार देर रात्रि 10:30 बजे तक चली बैठक में पंजाब सरकार के अफसरों ने किसानों की उन मांगों पर सहमति जताई है जो पंजाब सरकार से संबंधित थीं। किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के आह्वान पर और दशमेश किसान मजदूर यूनियन के समर्थन से आयोजित यह विरोध प्रदर्शन पंजाब भर में 18 और 19 दिसंबर को जिला आयुक्त कार्यालयों के बाहर चल रहे दो दिवसीय राज्यव्यापी आंदोलन का हिस्सा था।
प्रदर्शन के दौरान, किसानों ने राज्य सरकार द्वारा किसान समुदाय से किए गए वादों को पूरा न करने और 5 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन से कुछ घंटे पहले यूनियन नेताओं की गिरफ्तारी के बाद किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर कथित अंकुश लगाने के खिलाफ भी विरोध जताया। सभा को संबोधित करते हुए, यूनियन नेताओं ने कहा कि कृषि के लिए सस्ती और विश्वसनीय बिजली अत्यंत महत्वपूर्ण है और चेतावनी दी कि बिजली की दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि से खेती की लागत और बढ़ जाएगी, जिससे छोटे और सीमांत किसान और भी अधिक वित्तीय संकट में फंस जाएंगे।