विजिबिलिटी जीरो, सीनियर सिटीजन को डाक्टर की सलाह मानने की अपील
अमृतसरः उत्तर भारत में इन दिनों घने कोहरे और प्रदूषण के कारण हालात गंभीर हो गए हैं। इस बारे में बात करते शहर के इंजीनियर पवन शर्मा ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पूरे उत्तर भारत के लिए चेतावनी जारी की है। उन्होंने बताया कि ठंड के साथ बढ़ते प्रदूषण के कारण स्मॉग की मोटी परत बन गई है, जिससे विज़िबिलिटी लगभग ज़ीरो हो गई है। इसका सीधा असर नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और शहरी सड़कों पर पड़ रहा है, जहां यात्रियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इंजीनियर पवन शर्मा ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी संसद में यह मुद्दा उठाया है कि सर्दियों में सड़क हादसों में मौतों की संख्या तेज़ी से बढ़ती है। भारत में करीब 6.4 मिलियन किलोमीटर का बहुत बड़ा रोड नेटवर्क है और यह US के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क वाला देश है। ऐसे में जब घना कोहरा और स्मॉग रहता है, तो रोड एक्सीडेंट का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में हर दिन एवरेज सैकड़ों मौतें रोड एक्सीडेंट की वजह से हो रही हैं।
IMD के मुताबिक, यह स्थिति कम से कम 21 दिसंबर तक बनी रह सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए, यात्रियों को सलाह दी गई है कि घर से निकलने से पहले गाड़ी की पूरी जांच कर लें। गाड़ी की लो बीम लाइट, वाइपर, ब्रेक, इंडिकेटर और साफ-सफाई पर खास ध्यान देना चाहिए। अगर जरूरी न हो, तो सफर से बचना चाहिए और अगर निकलना जरूरी हो, तो स्पीड कंट्रोल करनी चाहिए और सेफ दूरी बनाए रखनी चाहिए।
इंजीनियर पवन शर्मा ने कहा कि सिर्फ आम नागरिकों की ही नहीं, बल्कि संबंधित डिपार्टमेंट और संस्थाओं की भी बड़ी जिम्मेदारी है। स्ट्रीट लाइट ठीक से काम कर रही हों, सड़कों पर रिफ्लेक्टर और साफ निशान लगे हों, साइनबोर्ड और रेडियम मटीरियल का सही इस्तेमाल हो। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, PWD और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर डिपार्टमेंट को इस समय खास सावधानी बरतने की जरूरत है।
इस मौके पर जोगिंदर पाल ढींगरा ने कहा कि सुबह कोहरे के बावजूद बहुत से लोग मॉर्निंग वॉक और एक्सरसाइज के लिए कंपनी बाग पहुंच रहे हैं। यह मौसम युवाओं के लिए अच्छा है, लेकिन दिल या ब्लड प्रेशर की समस्या वाले सीनियर सिटिजन को डॉक्टर की सलाह जरूर माननी चाहिए। उन्होंने गाड़ी चलाने वालों से भी अपील की कि जान बहुत कीमती है, इसलिए कोहरे में गाड़ी बहुत धीरे और पूरी जिम्मेदारी से चलानी चाहिए, ताकि किसी भी हादसे से बचा जा सके।