ऊना/सुशील पंडित: प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वह कर्मचारियों, पेंशनरों और आम जनता के हितों के प्रति पूरी तरह उदासीन है। यह तीखा आरोप भाजपा कर्मचारी प्रकोष्ठ के पूर्व संयोजक राजीव वशिष्ट, पूर्व कर्मचारी नेता यशपाल रायजादा, हरगोविंद, अजय पराशर, शिव कुमार मैहन व अशोक धीमान ने गुरुवार को जारी एक संयुक्त प्रेस बयान में लगाया। नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार का रवैया शुरू से ही कर्मचारी विरोधी रहा है और कर्मचारियों की जायज मांगों को जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कर्मचारी वर्षों से अपने संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार केवल आश्वासनों की राजनीति कर रही है। वर्ष 2016 से 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए हजारों कर्मचारियों को आज तक संशोधित लीव इनकैशमेंट और ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त संशोधित वेतनमान की बकाया राशि भी अब तक लंबित पड़ी है, जो सरकार की असंवेदनशीलता और वित्तीय कुप्रबंधन को उजागर करती है।
नेताओं ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने कर्मचारियों, पेंशनरों और जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे, लेकिन सत्ता में आए तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी एक भी वायदा धरातल पर साकार नहीं हुआ। आज हालात यह हैं कि कर्मचारी, पेंशनर और आम नागरिक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। महंगाई आसमान छू रही है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ भी खुला खिलवाड़ किया गया है। कांग्रेस ने चुनाव से पूर्व 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का वायदा किया था, लेकिन हकीकत यह है कि युवा बेरोजगारी की मार झेलते हुए सड़कों पर भटकने को मजबूर हैं। रोजगार सृजन के नाम पर सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है।
महिलाओं के साथ भी कांग्रेस सरकार ने छल किया है। चुनावी मंचों से 1500 रुपये प्रति माह देने की घोषणा करने वाली सरकार आज महिलाओं को उनका हक देने में असफल रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली के दाम लगातार बढ़ाकर आम जनता पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है, जिससे हर वर्ग त्रस्त है।
नेताओं ने कर्मचारी संगठनों के कुछ तथाकथित नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ये नेता कर्मचारियों की आवाज बनने के बजाय सरकार के प्रवक्ता बनकर काम कर रहे हैं। ऐसे नेता केवल अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति में लगे हैं और उन्हें कर्मचारियों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
भाजपा नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने शीघ्र ही कर्मचारियों, पेंशनरों और युवाओं की लंबित मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया, तो भाजपा कर्मचारी हितों की रक्षा के लिए सड़कों से लेकर सदन तक आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी। कांग्रेस सरकार को उसकी कर्मचारी विरोधी नीतियों का करारा जवाब दिया जाएगा।