ऊना/सुशील पंडित: क्षेत्रीय अस्पताल (आरएच) ऊना के सभागार में आज (बुधवार) को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मा की अध्यक्षता में ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम बनाने के उद्देश्य से एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य पंचायत स्तर पर क्षय रोग की पहचान, उपचार और उन्मूलन की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाना रहा।
डॉ. संजीव वर्मा ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुसार प्रत्येक पंचायत में एक हजार जनसंख्या पर संभावित टीबी रोग की जांच दर 30 से अधिक होनी चाहिए, जबकि एक हजार जनसंख्या पर टीबी रोगियों की संख्या एक या उससे कम होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि पंचायत में कुल टीबी रोगियों में से कम से कम 85 प्रतिशत रोगियों का उपचार सफलतापूर्वक पूरा होना चाहिए।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बलगम जांच में टीबी पॉजिटिव पाए गए सभी रोगियों में से कम से कम 60 प्रतिशत रोगियों की यूडीएसटी जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही, ग्राम पंचायत में उपचार ले रहे सभी टीबी रोगियों को निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत कम से कम एक किस्त प्राप्त होनी चाहिए तथा सहमति देने वाले सभी टीबी रोगियों को निक्षय मित्रों के माध्यम से पोषण सहायता उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
डॉ. वर्मा ने बताया कि जिला ऊना की सभी 245 पंचायतों में क्षय रोग के मापदंडों के अनुसार संभावित रोगियों की जांच का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। इसके आधार पर जिले की लगभग 190 पंचायतों को क्षय रोग उन्मूलन के लिए चयनित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत प्रत्येक खंड स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि क्षय रोग पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय मंकोटिया, डॉ. सुखदीप सिंह सिधू, डॉ. विशाल ठाकुर, खंड चिकित्सा अधिकारी थानाकलां डॉ. नरेश शर्मा, गगरेट से डॉ. पंकज प्राशर, हरोली से डॉ. शिगारा, गुलशन शर्मा, संदीप धीर, राकेश कुमार, ऋतु शर्मा, रीता देवी, कल्पना शर्मा, धर्म पाल सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।