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एंटी-चिट्टा अभियान के तहत ऊना जिले में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन

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एंटी-चिट्टा अभियान में जनभागीदारी सबसे अहम : उपायुक्त जतिन लाल

ऊना/सुशील पंडित: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे एंटी-चिट्टा अभियान के अंतर्गत सोमवार को ऊना जिले में विभिन्न ग्राम पंचायतों में नशा निवारण विषय पर विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया। इन बैठकों का उद्देश्य जिले में नशे की समस्या विशेषकर चिट्टे के खात्मे के लिए पंचायत स्तर पर जन-जागरूकता को बढ़ावा देना तथा ठोस एवं व्यवहारिक कार्य योजना तैयार करना रहा।

उल्लेखनीय है कि उपायुक्त ऊना जतिन लाल द्वारा पूर्व में जारी निर्देशों के अनुसार 15 दिसंबर को जिले की ग्राम पंचायतों में यह विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की गईं। उपायुक्त ने जानकारी दी कि जिले की सभी 245 ग्राम पंचायतों में नशा निवारण समितियों का गठन किया जा चुका है, जिनके माध्यम से नशे के विरुद्ध संगठित और निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। चिट्टे को लेकर जिले की 10 संवेदनशील पंचायतों पर विशेष फोकस रखते हुए निगरानी और जागरूकता गतिविधियों को और सशक्त किया गया है।

विशेष ग्राम सभाओं के दौरान प्रत्येक परिवार तक सरकार के एंटी-चिट्टा अभियान की जानकारी पहुंचाने, नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने, नशीले उत्पादों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित करने तथा सभी प्रकार के नशों की रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया गया। ग्रामीणों से आह्वान किया गया कि वे अपने आसपास होने वाली नशे से संबंधित गतिविधियों पर सतर्क दृष्टि रखें और समाज को नशामुक्त बनाने की इस मुहिम में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

वहीं, उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि एंटी-चिट्टा अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप दिए बिना नशे के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  सुखविंद्र सिंह सुक्खू का स्पष्ट लक्ष्य नशामुक्त हिमाचल का निर्माण है और इसी मकसद से प्रदेश सरकार ने चिट्टे को जड़ से समाप्त करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया है, जिसमें जनभागीदारी सबसे अहम कड़ी है।

उपायुक्त ने कहा कि युवाओं के व्यवहार में होने वाले किसी भी असामान्य बदलाव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और नशे की ओर संकेत देने वाली प्रत्येक सूचना प्रशासन तक पहुंचाना समाज का साझा दायित्व है। इस दिशा में पंचायतों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने दोहराया कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी तथा मामलों में त्वरित पुलिस कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि जिले में चिट्टे की सप्लाई–डिमांड चेन को तोड़ना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए समुदाय, युवाओं, परिवारों और गठित समितियों के बीच निरंतर संवाद और समन्वय आवश्यक है।

उपायुक्त ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार ने चिट्टा तस्करी पर कड़ा प्रहार करने के उद्देश्य से सूचना देने वालों के लिए इनाम योजना लागू की है। चिट्टे की बरामद मात्रा के अनुसार 10 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि बड़े तस्करी गिरोह की सूचना पर 5 लाख रुपये से अधिक का इनाम निर्धारित किया गया है। नशे से संबंधित किसी भी सूचना के लिए राज्य सरकार द्वारा आपातकालीन नंबर 112 जारी किया गया है।

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