ऋण योजना की वार्षिक आय सीमा 4 लाख से बढ़ाकर 12 लाख, अधिक बच्चों को मिलेगा लाभ
ऊना/सुशील पंडित: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का स्पष्ट विज़न है कि हिमाचल के किसी भी बच्चे को आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न रहना पड़े। इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने डाॅ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है।
पात्रता के लिए आय सीमा का विस्तार
ऊना के उच्च शिक्षा विभाग के उप निदेशक अनिल कुमार के अनुसार, योजना के शुरू होने के समय लाभार्थी परिवार की वार्षिक आय सीमा 4 लाख रुपये निर्धारित थी। अब इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे अधिक विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। अनिल कुमार कहते हैं कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि हिमाचल के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करें और ज्ञान, कौशल तथा अनुसंधान के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनें। इसमें डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना बहुत कारगर पहल है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक का हिमाचल प्रदेश का निवासी होना आवश्यक है और पिछली कक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक होना चाहिए। योजना के तहत मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, विधि, आईटीआई, पॉलीटेक्नीक और विश्वविद्यालयों में पीएचडी जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं। आयु सीमा 28 वर्ष तक निर्धारित है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है। दस्तावेज जमा होने के 2 कार्य दिवसों में सत्यापन व मंजूरी हो जाती है। यदि छात्र ने कॉर्पस फंड विकल्प चुना है तो ऋण की पहली किस्त 24 घंटे के भीतर छात्र के संस्थान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
वहीं, डीसी जतिन लाल का कहना है कि जिला प्रशासन शिक्षा विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सोच के अनुरूप इस योजना के प्रभावी संचालन और समय पर लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।