धर्म: विवाह पंचमी के मौके पर अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर भव्य ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां जोरो पर चल रही हैं। श्रीराम और माता सीता की विवाह वर्षगांठ के मौके पर रामनगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इस दौरान कितने बजे ध्वजारोहण होगा इसका क्या महत्व है आज आपको इस बारे में बताएंगे।
ध्वजारोहण के लिए मुहूर्त
राम मंदिर में ध्वजारोहण के लिए सुबह 11:58 से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक का शुभ मुहूर्त रहेगा। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज की स्थापना करेंगे। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, यह ध्वजारोहण मंदिर का निर्माण कार्य खत्म होने का संकेत है।
इस वजह से मंदिर पर लगता है ध्वज
शास्त्रों की मानें तो मंदिर के शिखर पर फहराती ध्वजा से दिव्य एनर्जी का संचार होता है। इससे मंदिर परिसर में पॉजिटिव और पवित्र वातावरण से बना रहता है। मंदिर के शीर्ष पर ध्वजा लगाने का उद्देश्य ये होता है कि मंदिर के अंदर विशिष्ट दैवीय शक्ति उपस्थित है क्योंकि मंदिर का शिखर सर्वोच्च बिंदु माना जाता है। कहा जाता है कि ये ब्रह्मांडीय एनर्जी और मंदिर के गर्भगृह के बीच एक संपर्क सूर्य का कार्य करता है।
ध्वज दर्शन करने का फायदा
मंदिर में लगा हुआ झंड़ा उस मंदिर की दिव्य और आध्यात्मिक एनर्जी को भी इंगित करता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, मंदिर में ध्वज के दर्शन करने से उस मंदिर में स्थित देवी-देवता के दर्शन करने का बराबर पुण्य मिलता है।
इस तरह होगा राम मंदिर का ध्वजा कार्यक्रम
राम मंदिर का ध्वज शास्त्रों और भगवान राम की सूर्यवंशी परंपरा के अनुसार बनाया गया है। ध्वज का रंग केसरिया रखा गया है। इस पर सूर्य देव का प्रतीक चिन्ह भी अंकित किया गया है। राम मंदिर के ध्वज की ऊंचाई 191 फीट होगी। मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज स्थापित करना सिर्फ एक रस्म नहीं बल्कि इसका गहरा और आध्यात्मिक महत्व भी है।