दुबईः सऊदी अरब में अपना घर बनाने की इच्छा रखने वालों के लिए अच्छी खबर है। सऊदी अरब दशकों पुरानी रुकावटों को तोड़ते अपने रीयल एस्टेट मार्केट को दुनिया के लिए खोल रहा है। एक बड़े नए कानूनी बदलाव के तहत जनवरी 2026 से विदेशियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भी पूरे देश में प्रॉपर्टी खरीदने, उसका मालिक बनने और उनमें इन्वेस्ट करने की इजाजत होगी। यह केवल एक नीतिगत बदलाव नहीं है, बल्कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के तहत किए जा रहे नेशनल रिफॉर्म का हिस्सा है।
सऊदी अरब के रीयल एस्टेट जनरल अथॉरिटी ने बताया कि यह स्ट्रेटेजिक बदलाव सिर्फ एक पॉलिसी अपडेट से कहीं ज्यादा है। यह एक इकनॉमिक ग्रोथ इंजन है। सरकार का साफ इरादा इस सेक्टर को बदलना है। इसके जरिए सऊदी इकनॉमी को तेल से मोड़कर दूसरी दिशा में ले जाने के लिए विदेशी इन्वेस्टमेंट को बड़ा इनफ्लो पक्का करना है।
मक्का और मदीना के लिए होगी शर्त
REGA के बयानों से साफ पता चलता है कि नया कानून सऊदी अरब के इकनॉमिक और इनवेस्टमेंट ग्रोथ की तरफ तेजी से हो रहे बदलाव का समर्थन करता है। साथ ही यह पक्का करता है कि रेगुलेटरी माहौल सुरक्षित और ग्लोबली कॉम्पिटिटिव हो। इसके तहत सऊदी अरब में जनवरी से विदेशी खरीदारों को घर, जमीन और फॉर्म खरीदने की इजाजत होगी।
हालांकि, मक्का और मदीना शहर में सिर्फ मुस्लिम खरीदारों के लिए प्रॉपर्टी की इजाजत होगी। सऊदी अरब में होने वाला यह बदलाव रियल एस्टेट ओनरशिप कानून के तहत हो रहा है, जिसे जुलाई 2015 में मंजूर किया गया था। यह कानून जनवरी 2026 में पूरी तरह से लागू हो जाएगी। सऊदी कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। सऊदी अरब ने प्रॉपर्टी के लिए टैक्स भी जारी कर दिए हैं।