जालंधर, ENS: देहात पुलिस के एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क की अगुवाई में थाना प्रभारी पर बसपा के को-ऑर्डिनेटर कमन बादशाहपुर और एडवोकेट दीपक ने गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने थाना मकसूदा में एक झूठे मुकद्दमेें को लेकर पुलिस पर धक्केशाही के आरोप लगाए है। उनका आरोप है कि कुछ माह पहले थाना मकसूदा इलाके में कुछ नौजवानों की मौतें हुई थी। उनका कहना है कि 23 जुलाई 2023 को बसपा द्वारा शांतिमय ढंग से प्रदर्शन किया गया था।
जहां उस दौरान मौजूदा एसएचओ सिकंदर सिंह विर्क ने थाने मकसूदां में दर्ज उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमे (85/23) में 42 बेगुनाह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जो कि डीजीपी पंजाब के माध्यम से करवाई जांच में बेगुनाह पाए गए हैं। आरोप है कि पुलिस हाईवे पर खुद वाहनों रोक रही थी। जिसकी उन्होंने कुछ तस्वीरें वीडियो के माध्यम से दिखाई। एडवोकट दीपक ने बताया कि थाने मकसूदां के अधीन आने वाले गांवों में फैले नशे और उसके कारण होने वाली मौतों के खिलाफ पीड़ित लोगों द्वारा 23 जुलाई 2023 को पठानकोट रोड स्थित नूरपुर चौकी पर प्रदर्शन किया गया।
आरोप है कि उस समय के थाना मकसूदां के एसएचओ सिकंदर सिंह विर्क ने उनकी आवाज दबाने के लिए साजिश रची और अपने कर्मचारियों से हाईवे जाम करवाकर प्रदर्शन करने वालों पर जाम की धार धरा कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का झूठा मामला 85/23 दर्ज कर दिया। यह मामला पहले एडवोकेट बलविंदर कुमार समेत 13 लोधा के नाम सहित और 152 अज्ञात लोगों पर किया गया था। बाद में उस समय के डीआईजी जालंधर रेंज द्वारा 25 जुलाई 2025 को दूसरे जिले होशियारपुर में इसकी इनक्वायरी का जांच की गई। इसमें आरोप लगाए जाने के बावजूद सिकंदर सिंह ने होशियारपुर में इस केस को 2 माह रोककर अपने पास रखा गया और अगस्त तथा सितंबर महीने में 10 और लोगों को नाम सहित होशियारपुर में यह इनक्वायरी एसपी (ओसी एंड नारकोटिक्स) ने की और रिपोर्ट बसपा के कार्यकर्ताओं हक में भेजी गई।
आरोप है कि इस मामले में ये रिपोर्ट इंटरपोल कर दी और इसे फिर से भेजी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि यह मुकदमा सही दर्ज हुआ है। ऐसे में उन्होंने आज डीजीपी गौरव यादव से मुलाकात की। एडवोकेटा का कहना है कि उन्होंने अपनी नजरअंदाजी रखते हुए इसकी इनक्वायरी फिर से एसएसपी हुशियारपुर को 11 सितंबर 2024 को भेजी और उनसे इसकी जांच करवाई गई। एसएसपी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट मंजूर कर मई 2025 में मान्य अदालत में पेश की। अदालत में इस केस के आरोपियों के खिलाफ असहमति जताते हुए इसे जून 2025 में उच्च न्यायालय को जांच के लिए भेज दिया।
उसी समय तक पहली एसएसपी खख का तबादला हो चुका था, और उनकी जगह वर्तमान एसएसपी हरजिंदर सिंह विर्क ही आए थे। इन के समय में वर्तमान थाने मकसूदां मुखी बिक्रम सिंह ने खुद ही पहले थाने मुखी सिकंदर सिंह विर्क से एक तरफा बयान लेकर बयान लेकर अपने रूप में यह रिपोर्ट बनाई कि मुकदमे में नामजद लोग दोषी हैं। एसएसपी हरबिंदर सिंह विर्क ने 42 लोगों को पहले ही डीजीपी की जांच राही इन्हें बेगुनाह पाया गया। उनका यह चालान 2 सितंबर को कोर्ट में पेश किया जा चुका है। लेकिन उसके बावजूद एसएचओ द्वारा धक्केशाही की जा रही है।ऐसे में बसपा नेता व एडवोकेट ने थाना प्रभारी सहित अन्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना हैकि जिन्हें कानून की उल्लघंना की है उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।