मोगाः सिविल अस्पताल मोगा में बिजली की समस्या से मरीजों और अस्पताल स्टाफ को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस बीच दोपहर लगभग 12:30 बजे सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल एक मरीज को अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के माइनर ऑपरेशन थिएटर में लाया गया, जहां बिजली न होने के कारण डॉक्टरों को मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में उसके सिर पर लगे घावों के टांके लगाने पड़े।
जानकारी के अनुसार, मोगा की जरा रोड के निवासी सुखपाल सिंह ने बताया कि उसका भाई नवतेज सिंह (38) जो ई-रिक्शा चलाता है, डगरू में सवारी छोड़कर लौट रहा था। मोगा-लुधियाना हाईवे पर तेज रफ्तार गाड़ी ने पीछे से उसकी ई-रिक्शा को टक्कर मार दी। हादसे में ई-रिक्शा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और नवतेज सिंह के सिर पर गंभीर चोटें आईं। उसे तुरंत सिविल अस्पताल मोगा के इमरजेंसी विभाग में लाया गया।
अस्पताल पहुंचे तो वहां वहां बिजली नहीं थी। हालांकि अस्पताल में सीधी हॉटलाइन सुविधा मौजूद है, लेकिन बुधवार सुबह से ही बिजली बार-बार जा रही थी। स्टाफ द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, थोड़ी देर बिजली आने के बाद दोबारा चली जा रही थी, जिससे कामकाज लगातार बाधित हो रहा था।
सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल अधिकारी डॉ. हरिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने बिजली बोर्ड के जूनियर इंजीनियर बूटा सिंह से संपर्क कर पूछा कि हॉटलाइन होने के बावजूद बिजली क्यों जा रही है। इंजीनियर ने बताया कि लाइन बदलने का काम चल रहा है, जिसके चलते कुछ समय के लिए बिजली बंद की गई थी और लगभग 10 मिनट में बहाल होने की उम्मीद थी। मरीजों की दिक्कत न बढ़े, इसलिए अस्पताल प्रशासन ने बिजली आने से पहले ही जनरेटर चला दिया।अस्पताल में बिजली व्यवस्था की यह लापरवाही कई बार मरीजों के लिए खतरा बन चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हॉटलाइन होने के बावजूद बार-बार बिजली गुल होना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है और इस पर जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए।