फगवाड़ाः शहर में शिवसेना के नेता इंद्रजीत करवल और उनके बेटे जिमी करवल पर मंगलवार देर शाम स्थानीय गऊशाला बाजार में जानलेवा हमला हुआ। वहीं इस घटना को रोष में आज शिवसेना नेताओं ने फगवाड़ा के बाजारों को बंद करवा दिया है। जिसके बाद नेता व दुकानदार धरना लगाकर बैठ गए। मामले की जानकारी देते हुए शिवसेना नेता ने कहा कि अभी तक पुलिस ने हमले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। नेता ने बताया कि चार दिन पहले पुलिस को घटना संबंधी सूचना दे दी थी। नेता ने आरोप लगाया है कि तनिष साथियों के साथ हथियार लेकर शिव सेना नेताओं को ढूंढ रहा है। ऐसे में उसका मेन टारगेट जिम्मी था। 4 दिन पहले उनके साथी को किडनैप किया था और रात को उस पर हथियार लेकर उसे घुमाता रहा। जिसके बाद उसने जिम्मी पर हमला कर दिया।
गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। नेता ने कहा कि पुलिस अधिकारी कह रहे है कि तनिष का फोन नहीं चल रहा। व्यक्ति ने कहाकि वह हनुमान गली में बैठे थे और उन्हें फोन आया कि उनके बेटे जिम्मी को आरोपियों ने घेरा हुआ है और उस पर हमला कर रहे है। जिसके बाद वह मौके पर पहुंच गए लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। आरोप है कि पुलिस उन्हें मरवाना चाहती है और माहौल को खराब करवाने का इंतजार कर रही है। सरेआम गोलियां चल रही है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। वहीं दूसरी ओर शिवसेना नेताओं के धरने लगाने को लेकर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।
बाजार के दुकानदारों का कहना है कि हमलावर कई दिनों से धमकी दे रहे थे। उन्होंने पुलिस को बताया भी था लेकिन कोई कार्रवाई न होने से हमला हो गया। वहीं बीते दिन सिविल अस्पताल पहुंचे डीएसपी भारत भूषण को शिव सेना नेता इंद्रजीत करवल तथा अन्य हिन्दू नेताओं ने साफ कह दिया है कि वे पुलिस को किसी तरह का कोई भी बयान नहीं देंगे बल्कि अब बयान हमलावर आकर देंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस को तीन दिन पहले शिकायत देने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।
दरअसल, हमले में घायल हुए जिमी करवल को जख्मी हालत में फगवाड़ा के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जिमी करवल का बचाव करते हुए शिवसेना नेता इंद्रजीत करवल भी घायल हो गए। लेकिन इस हमले को 13 अप्रैल 2018 की रात फगवाड़ा के गोल चौक में हुए विवाद और गोली लगने से हुई एक युवक की मौत के मामले से जोड़ कर देखा जा रहा है।