नई दिल्ली: भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी साल यादव को बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली है। पहली बार उन्होंने चुनाव लड़े थे और छपरा सीट से इलेक्शन लड़ा था परंतु उन्हें छोटी कुमारी ने हरा दिया। खेसारी करीबन 7-8 हजार वोटों से हार गए। ऐसे में अब उनके सुर ही बदल गए हैं। हार के बाद उन्होंने खुद को राजनीति की दुनिया से दूर बता दिया है। उन्होंने कहा कि वो कभी चुनाव में आना ही नहीं चाहते थे।
खेसारी के बदले तेवर
खेसारी ने चुनाव जीतने की काफी कोशिश की थी। उन्होंने दिन-रात प्रचार भी किया। अपनी स्टार पावर दिखाते हुए उन्होंने अपोजिशन के पवन सिंह, दिनेश लाल यादव पर कड़े प्रहार भी किए। खेसारी अपनी ही इंडस्ट्री के लोगों के बारे में बात करने से भी नहीं पीछे हटे परंतु इसके बाद भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में खेसारी ने खुद को दिल से सोचने वाला बताते हुए राजनीति से पीछे हटने के फैसला लिया है।
एक मीडिया चैनल के साथ बात करते हुए उन्होंने बोला कि – ‘मैं नेता बनना ही नहीं चाहता था मैं शुरु से चुनाव के विरोध में था। सच पूछिए तो मैं राजनीति में नहीं आना चाहता था ना ही मैं जीवन में कभी नेता बन पाऊंगा क्योंकि मैं दिमाग से कभी सोचता ही नहीं। मेरे जीवन में मैं जो भी सोचता हूं दिल से सोचता हूं और दिल से सोचने वाले ऐसी जगह पर नहीं रह सकते’।
लोगों ने किया ट्रोल
खेसारी के अब ऐसे तेवर देखकर लोग उन्हें ट्रोल करते दिख रहे हैं। यूजर्स का यह कहना है कि चुनाव के समय तो वो अपनी पत्नी चंदा को लेकर भी प्रचार कर रहे थे अब हार गए तो यह कह रहे हैं कि नेता बनना ही नहीं था। चुनाव प्रसार के दौरान उन्होंने कहा था कि – ‘अगर चुनाव ना जीत कर दिखाऊं तो मेरा नाम बदल देना’। उनके ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। यूजर्स का कहना है कि बताइए अब आपका नाम क्या रखें।
चुनाव में खड़ा होना बिजनेस नहीं था
चुनाव के रिजल्ट आने के बाद खेसारी ने एक पोस्ट शेयर की थी। इसमें उन्होंने अपने दिल की बात कही थी। वीडियो में बात करते हुए वो अपने आंसू छिपाते हुए भी नजर आए थे। उन्होंने जनता को शुक्रिया भी कहा था। खेसारी ने कहा था कि – ‘मैं हमेशा से एक बेटे की तरह आप लोगों के बीच में रहना चाहता था और रहूंगा भी आगे भी यही प्रयास करूंगा कि बेटे की तरह आपका प्यार और स्नेह लूं। हमने प्रयास किया। मेरी टीम और मुझसे जुड़े सारे लोगों ने बहुत मेहनत की। जीत हार अपनी जगह है। मेरे दिल और जुबान पर आप लोगों के लिए हमेशा सम्मान था और रहेगा। चुनाव में खड़े होना मेरे लिए बिजनेस नहीं था इसलिए मेरे लिए हार जीत मायने नहीं रखती है। मैं बिहार के लिए एक सपना लेकर आया था। छपरा की जनता के लिए सपना देखा था। वो नहीं हुआ। कोई बात नहीं मैं आपका बेटा हमेशा रहूंगा जो जीते हैं उन प्रत्याशी को भी मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं’।
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