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गगरेट में स्मार्ट विनिर्माण और डिजिटल रूपांतरण पर कार्यशाला का आयोजन

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ऊना/सुशील पंडित:औद्योगिक क्षेत्र गगरेट स्थित मिनी कॉमन सुविधा केंद्र (सीएफ़सी) में शुक्रवार को स्मार्ट विनिर्माण और डिजिटल रूपांतरण विषय पर एक महत्त्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के उद्यमियों, उद्योग प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों ने  भाग लिया।
कार्यक्रम का आयोजन सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) द्वारा भारत सरकार के सहयोग से स्थानीय उद्योगों में इंडस्ट्री 4.0 पहल को अपनाने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया था।
जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) ऊना की प्रबंधक कमला देवी ने कहा कि डीआईसी एमएसएमई इकाइयों को सरकारी योजनाओं, प्रोत्साहनों और तकनीकी उन्नयन सहायता से जोड़ने में निरंतर सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उन्होंने उद्योगों से नवीन तकनीकों के उपयोग के माध्यम से गुणवत्ता सुधार और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने का आह्वान किया।
गगरेट औद्योगिक संघ के अध्यक्ष प्रमोद और महासचिव सुरेश तथा औद्योगिक संघ अंब के अध्यक्ष गौतम ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए डिजिटल भविष्य की दिशा में मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने उद्योग इकाइयों से स्मार्ट विनिर्माण, स्वचालन और डिजिटल तकनीकों को अपनाने का आव्हान किया।
कार्यक्रम के दौरान सीईएल के तकनीकी विशेषज्ञों ने स्वचालन, इंटरनेट आधारित उपकरण (आईओटी), कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आंकड़ा-आधारित निर्णय प्रणाली जैसी तकनीकों का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि इन तकनीकों से उत्पादन प्रक्रिया अधिक कुशल बनती है, मशीन बंदी में कमी आती है और उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।मिनी कॉमन सुविधा केंद्र (सीएफ़सी) गगरेट को इस अवसर पर एक सशक्त संसाधन केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया गया, जो साझा मशीनरी, तकनीक और प्रशिक्षण सुविधाएँ उपलब्ध कराता है। इससे स्थानीय एमएसएमई इकाइयाँ बिना भारी निवेश के आधुनिक उत्पादन तकनीकों का उपयोग और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकती हैं।
उद्यमियों ने कारखानों में डिजिटलीकरण, ऊर्जा दक्षता, पूर्वानुमान आधारित रखरखाव और कागजरहित कार्य प्रणाली अपनाने में गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग कार्यक्रम जारी रखने की आवश्यकता व्यक्त की।

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