जालंधर, ENS: चौगिट्टी चौक के पास बसे अंबेडकर नगर को लेकर भले ही 800 घर गिराने का मामला कुछ समय के लिए ठंडा पड़ गया है। लेकिन यह मामला खत्म नहीं हुआ है। दरअसल, जालंधर सेशन कोर्ट में इस केस को लेकर शुक्रवार को सुनवाई हुई। जहां कोर्ट में सुनवाई के बाद माननीय न्यायाधीश ने अगली तारीख तय की है। ऐसे में अंबेडकर नगर कमेटी को लेकर 21 नवंबर को सुनवाई होगी। वहीं मामले की जानकारी देते हुए मोहल्ले की पार्षद की बेटी जतिंदर जोनी ने कहा कि लोग अभी भी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि इस मामले में कोर्ट से ना सटे मिल पाई है और ना ही राजनेताओं द्वारा आश्वासन मिल पाया है।
उन्होंने कहा कि भले ही आप नेता हलका इंचार्ज नीतिन कोहली ने रजिस्ट्रियां करवाने का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी कुछ नहीं कहा जा सकता कि इस मामले में आगे क्या होगा। दूसरी ओर पावरकॉम का दावा है कि जहां अंबेडकर नगर बसा है वहां की 65 एकड़ जमीन विभाग की है। इस पर लोगों का कब्जा है। अंबेडकर नगर के सुरजन सिंह ने इस मसले में बताया था कि उनका 1986 से बिजली बोर्ड के साथ केस चल रहा है। 2 बार हम केस जीत चुके हैं। चौथी पीढ़ी यहां पर रह रही है और यहां पर करीब 800 घर यहां हैं। मुझे यहां 50 साल हो गए। एक-एक ईंट जोड़कर घर बनाए हैं। अब उजड़ जाएंगे तो कहां जाएंगे।
जतिंदर जोनी ने कहा कि अंबेडकर नगर में मोहल्ला बचाओ कमेटी का गठन कर दिया गया है। इस कमेटी में 6 मेंबर हैं, जो कोर्ट में मामले की पैरवी कर रहे हैं। कमेटी की तरफ से वकील को अपने सभी डॉक्यूमेंट सौंपे जा चुके हैं। कोर्ट से अभी तारीख पर तारीख ही मिल रही है। इससे पहले भी वह कोर्ट गए थे तब 14 नवंबर की डेट मिली थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एक सप्ताह बाद की तारीख मिली है।
सुरजन ने कहा कि अंबेडकर नगर में मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च बने हैं। इन सभी गुरुघरों का उद्घाटन जालंधर के नेताओं के हाथों से हुआ है। क्या तब किसी को ये पता नहीं था कि ये जमीन पावरकॉम की है। तब पावरकॉम के अधिकारियों ने किसी के साथ भी ऑब्जेक्शन नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर हम कब्जे की जमीन पर हैं तो हमारे यहां 150 के करीब घरों को PM आवास योजना के तहत ग्रांट कैसे मिल गई। गलियों के लिए ग्रांट कैसे मिली। सीवरेज किस आधार पर बिछा, बिजली के कनेक्शन क्या देखकर दिए गए। बिजली के कनेक्शन तो खुद पावरकॉम ने ही दिए हैं। ट्रांसफॉर्मर भी लगाया है।