जालंधर (ens): 42वें इंडियन ऑयल सर्वो सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट में पंजाबी सिंगर गुलाब सिधू ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने अपने प्रदर्शन और विनम्रता के साथ लोगों का दिल जीत लिया। गुलाब सिधू ने मंच पर और सोशल मीडिया पर अपने विवादित गाने सरपंची को लेकर सार्वजनिक सोशल मीडिया पर माफी मांगी थी। उसको लेकर उन्होंने कहा कि मैं पंजाब और जालंधर के लोगों का हमेशा आभारी रहूंगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब और जालंधर के लोगों ने हमेशा उनको बहुत प्यार दिया है। मैं इस समर्थन के लिए आभारी हूं। मंच पर उन्होंने सिद्धू मूसेवाला का गाना गाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। इस दौरान उन्होंने दिवगंत गायक राजवीर जावंदा को भी याद गिया। मंच पर गिद्दा करने के लिए आई लड़कियों के पैर छूकर सिंगर ने उनका सम्मान किया। इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद सभी दर्शक भावुक हो गए।
गाने पर हुआ था विवाद
गुलाब सिद्धू ने अपने गाने में गांव के चुने हुए सरपंच और गांव के लोगों के बारे में एक गीत गाया था। यह गीत चर्चा का विषय बन गया। इस गीत का बरनाला जिले के रहने वाले सरपंचों ने विरोध किया। जिले के संबंधित गांव के सरपंच डीसी कार्यालय बरनाला गेट के बाहर इकट्ठे हुए और उन्होंने गुलाब सिद्धू के खिलाफ नारेबाजी की।
सरपंचों ने गुलाब सिद्धू पर आरोप लगाया था कि वह एक पंजाबी गायक है। सरपंचों की उनसे कोई भी निजी लड़ाई नहीं है लेकिन आज सभी सरपंच इकट्ठे होकर उनका विरोध कर रहे हैं क्योंकि गुलाब सिद्धू ने बीते दिनों अपने पंजाबी गीत में गांव के चुने हुए सरंपच और पूरे गांव को पीटने की धमकी दी है। सरपंचों ने आरोप लगाया है कि गायक ने जानबूझकर उन्होंने प्रसिद्ध होने के लिए यह गीत गाया है।
गुलाब सिद्धू ने मांगी थी माफी
इस विवाद के बाद गुलाब सिद्धू ने सोशल मीडिया और यूनियन के सदस्यों से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि अगर मेरे गाने के किसी शब्द से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं दिल से माफी मांगता हूं। मेरा मकसद सिर्फ संगीत के जरिए समाज को जोड़ना है, तोड़ना नहीं।
उन्होंने यह भी कहा कि वह आगे से लाइव शो में इस गाने के विवादित बोल नहीं गाएंगे, और जल्द ही गाने के उन हिस्सों को हटा देंगे। पंजाब सरपंच संघ और पंचायत प्रतिनिधियों ने उनकी माफी को स्वीकार कर लिया है और मामला शांत हो गया है। पंचायत वर्ग ने भी लोगों से अपील की है कि सार्वजनिक आयोजनों में गाने के पुराने संस्करण को न बजाया जाए।