अमृतसर: थाना राजासांसी के बाहर वाल्मीकि समाज से जुड़े संगठनों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने गुरुद्वारा विवाद में बेअदबी और जातीय भेदभाव के आरोप लगाते प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। भगवान वाल्मीकि शक्ति दल के अध्यक्ष डॉ. जैमल सिंह रडाला ने बताया कि बीते दिनों गांव हर्षशीनां उचा कलां में गुरुद्वारे को लेकर हुए विवाद के दौरान उनके समाज के लोगों के साथ न केवल जातीय भेदभाव किया गया, बल्कि गुरुद्वारे के अंदर बेअदबी की गई।
रडाला ने आरोप लगाया कि गांव के सरपंच ने बातचीत के बहाने बुलाकर उनके साथ गुंडागर्दी की, ईंट-पत्थर फेंके और तेजधार हथियारों से धमकाया गया। इस हमले में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ, जिसका इलाज गुरु नानक देव अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरपंच और गुरुद्वारा कमेटी के कुछ सदस्यों ने जातीय अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और धार्मिक स्थल का अपमान किया। सभी साक्ष्य प्रशासन के पास हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वहीं धार्मिक सिख समुदाय से जुड़े जसपाल सिंह भिन्दा ने बताया कि दिवाली के अवसर पर जब उन्होंने गुरुद्वारे को सजाने की इच्छा जताई, तो कमेटी ने जातिगत आधार पर मना कर दिया। इस पर उन्होंने सोशल मीडिया पर भेदभाव के खिलाफ पोस्ट की, जिसके बाद उन्हें गुरुद्वारे में बुलाकर हमला किया गया। धरने के दौरान वाल्मीकि संगठनों ने प्रशासन को दो घंटे की मोहलत दी और चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे रोड जाम और भूख हड़ताल शुरू करेंगे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामला संवेदनशील है और दोनों पक्षों की बात सुनी जा रही है। जो भी कानून के अनुसार उचित होगा, वही कार्रवाई की जाएगी।