नई दिल्ली: गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच इजरायली सेना ने अक्टूबर की शुरुआत से लगे हुए युद्धविराम का फिर से उल्लंघन कर दिया है। इस उल्लंघन के कारण 38 लोगों की मौत और 143 लोग घायल हो गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायल के द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई में 68,116 लोग मारे जा चुके हैं और 1,70,200 लोग घायल हो गए हैं।
7 अक्टूबर को हमलों में इजरायल में 1,139 लोगों की मौत और करीबन 200 लोगों का अपहरण हुआ था। इसी बीच अब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को घोषणा की है कि गाजा और मिस्न के बीच रफाह सीमा क्रॉसिंग को अगले आदेश तक बंद रखा जाएगा। तब तक हमास सभी मृत इजरायली बंधकों को वापिस नहीं करेगा।
शर्तें करनी होगी पूरी
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि रफाह सीमा तभी खोली जाएगी जब हमास मृत बंधकों को अवशेष लौटाने और युद्धविराम समझौते के अंतगर्त तय की गई शर्तों को पूरा करेगा। रफाह सीमा गाजा का इकलौता द्वार थी जो इजरायल के सीधे नियंत्रण में नहीं था। यह मानवीय सहायता और नागरिकों के आवगमन के लिए जीवनरेखा मानी जाती थी। इसके बंदी ने गाजा के लोगों की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ा दी है। हमास ने शनिवार को दो और बंधकों का शव रेड क्रॉस को सौंपा है जिसको बाद में इजरायली सेना के हवाले कर दिया गया। इजरायल ने इस घटना को अपूर्ण सहयोग बताकर हमास पर युद्धविराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
नेतन्याहू ने लगाए आरोप
वहीं दूसरी ओर काहिरा में स्थित फिलिस्तानी दूतावास ने यह घोषणा की थी कि रफाई सीमा सोमवार को मिस्न के साथ समन्वय के बाद खोल दी जाएगी ताकि मिस्न में रह रहे फिलिस्तानी नागरिक गाजा में लौट आएं हालांकि नेतन्याहू के आदेश के बाद यह फैसला फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसी बीच तेल अवीव में प्रदर्शनकारियो ने यह मांग रखी है कि गाजा में बचे हुए सभी बंधकों के शवों को जल्द से जल्द वापिस लाया जाए। हमास ने नेतन्याहू पर आरोप भी लगाए हैं कि वह कमजोर बहानों का इस्तेमाल करके युद्धविराम का समझौता बाधित कर रहा है।