जालंधर, ENS: पहलवानों और खिलाडियों की हृदय आघात से मृत्यु एक दुर्लभ लेकिन विनाशकारी घटना है। सभी खेलों में से भी फुटबॉल और बास्केटबॉल के खिलाड़ी इस जोखिम के दायरे में होते हैं, क्योंकि इसमें अधिक तीव्रता देखी जाती है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि पहलवान और सभी खिलाड़ी स्वस्थ होते हैं और हृदय रोगों से दूर भी रहते हैं, लेकिन हजारों में से एक मामला ऐसा ज़रूर होता है, जिसमें पहलवान और एथलीट में हृदय आघात की समस्या देखी गई है। पुरुष एथलीट में यह समस्या आम है, जिसका कोई विशेष कारण नहीं है। हाल ही में जालंधर के मशहूर बॉडी बिल्डर वरिंदर घुम्मण की फोर्टिस अस्पताल में सर्जरी के बाद दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
इस मामले को लेकर हार्ट के स्पेशलिस्ट डॉक्टर संजीव कुमार का बयान सामने आया है। उन्होंने पहलवानों के स्टेरॉयड (Steroids) को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहाकि पहलवानों को स्टेरॉयड (Steroids) नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर का मामना है कि यह बॉर्डी को एनेर्जी बस्ट दे रहे हैं और कॉलेस्ट्राल के डिपोसिट को बढ़ाएंगे, बॉडी का मैटाबालिजम तेज करेंगे। ऐसे में इनसे परहेज रखना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वेजिटेरिन पहलवान को डायरी फूड भी ज्यादा मात्रा में नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर का कहना हैकि साईकिलिंग, जॉगिंग सहित अन्य एक्साइज ज्यादा करनी चाहिए।
बॉडी बिल्डिंग आज के समय में फुल टाइम जॉब है। ऐसे में शरीर को बनाने के लिए कई तरह के प्रॉडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर का मानना है कि कई बार पहलवान मसल की शेप बनाने के लिए कुछ ऐसे प्रॉडक्ट का इस्तेमाल कर लेते है जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक होते है। वहीं कुछ पहलवान स्टेरॉयड (Steroids) का इस्तेमाल करते है। डॉक्टर का मानना है कि यह सेहत के लिए नुकसानदायक है जो शरीर में खून के जमने की क्षमता को बढ़ा सकते है। ऐसे में हार्ट अटैक की समस्या का खतरा बढ़ जाता है।
वहीं वरिंदर घुम्मण की मौत को लेकर डॉक्टर का मानना हैकि इस केस को लेकर वह ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि कोई भी डॉक्टर यह नहीं चाहता उनके मरीज का आउट कम अच्छा ना हो। ऑपरेशन होने के बाद खून के जमने की क्षमता बढ़ जाती है। उन्होंने कहाकि अगर वह स्टेरॉयड (Steroids) लेते है तो ऐसे में हार्ट अटैक आने के चांस बढ़ जाते है। एनेस्थीसिया को लेकर कहा कि उन्हें लगता है कि डॉक्टरों द्वारा मरीज के शरीर को ध्यान में रखते हुए एनेस्थीसिया दिया जाता है। डॉक्टर का कहना है कि सर्जरी के दौरान मरीज का ज्यादा स्ट्रेस लेना भी कई बार हार्ट अटैक का कारण बन जाता है।
दूसरी ओर पहलवान चरणजीत सिंह ने बताया कि उसे जिम में ट्रेनिंग को 2 से 3 साल हो गए है। वह सुबह ओट्स, दोपहर को लंच में अड्डे व चपाती, दाल, सलाद खाते है। शाम को जिम आने से पहले अड्डे और रात को चपाती, दही, चावल और कई बार चिकन खाते है। इस दौरान पहलवानों द्वारा स्टेरॉयड (Steroids) लिए जाने को लेकर कहा कि वह नहीं मानते कि स्टेरॉयड (Steroids) लेने से हार्ट अटैक आने की समस्या बढ़ सकती है। वहीं वरिंदर घुम्मण की मौत को लेकर कहा कि वह उनके ऑइडल है और उन्हें देखकर ही उसने भी जिम शुरू किया था। उनका मानना है कि वरिंदर घुम्मण की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हो सकती है।
पहलवान सुरजीत कुमार ने कहाकि उसे 3 से 4 साल ट्रेनिंग को लेकर हो गए है। इस दौरान उन्होंने भी कुछ ऐसा ही अपना डाइट चार्ट बताया। इस दौरान जिम में पहलवानों के हार्ट अटैक आने को लेकर कहाकि जिम के कारण किसी को हार्ट अटैक नहीं आ सकता। उनका मानना है कि कोलेस्ट्रॉल का लैवल ज्यादा होने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है या फिर जिन पहलवानों के शरीर में फैट ज्यादा होती है या फिर वह बाहर का जंक फूड ज्यादा खाते है उनके लिए हार्ट अटैक का खतरा अधिक बढ़ जाता है। हालांकि सुरजीत कुमार का मानना है कि स्टेरॉयड (Steroids) लेने से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। वरिंदर सिंह घुम्मण की मौत को लेकर कहाकि डॉक्टर की लापरवाही मुख्य कारण हो सकता है।
वहीं जिम ट्रेनर सुरिंदर ने यूथ को स्टेरॉयड (Steroids) लेने के मना करने की अपील की है। उन्होंने कहाकि अगर कोई भी युवा शरीर की शेप बनाने के लिए स्टेरॉयड (Steroids) का सेवन करता है तो वह पहले उसके लिए किसी भी ट्रेनर की सहायता लें। उन्होंने कहा कि अगर किसी पहलवान ने कंपीडिशन लड़ना है तो उन्हें स्टेरॉयड (Steroids) सहित अन्य प्रोडक्ट की जरूरत होती है। स्टेरॉयड (Steroids) को लेकर उन्होंने बताया कि शरीर की ग्रोथ बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जो पहलवान कंपीडिशन लड़ते हुए उन्हें इसके बारे में सारी जानकारी होती है, लेकिन उन्होंने युवाओं को स्टेरॉयड (Steroids) ना लेने की अपील की है। उनका मानना है कि जरूरी नहीं हैकि जिम में वर्कआउट के दौरान मौत हो रही, यह किसी के भी साथ घटना हो सकती है। वरिंदर घुम्मण को लेकर कहा कि उनकी मौत का बॉडी बिल्डिंग से कोई लेना-देना नहीं है। उनका कहना है कि वह कितने सालों से कंपीडिशन के दौरान स्टेरॉयड (Steroids) का इस्तेमाल करते थे। उनका मानना है कि एनेस्थीसिया ज्यादा मात्रा में देने से घुम्मण की मौत मुख्य कारण हो सकती है।