नई दिल्लीः नेपाल के बाद अब हिंद महासागर में अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित द्वीपीय देश मेडागास्कर में भी Gen-Z का उग्र प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार पानी की कमी को लेकर जेन-जी का गुस्सा फूट पड़ा और वो सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, एक विशेष सैन्य इकाई ने सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया। इस बगावत को संभावित तख्तापलट माना जा रहा है, जिसके बाद मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना देश छोड़कर भाग गए हैं। यह घटनाक्रम तीन हफ्ते तक चले युवा आंदोलन (Gen Z Madagascar) के विरोध प्रदर्शन के बाद आया है।
मेडागास्कर में नेता प्रतिपक्ष, सेना और विदेशी राजनयिकों ने भी इस खबर की पुष्टि कर दी है। नेपाल के बाद यह दूसरी बार है, जब जेन-जी सत्ता परिवर्तन में कामयाब रहा है। मेडागास्कर में विपक्ष के नेता सितेनी ने बताया कि रविवार को सेना की एक टुकड़ी भी जेन-जी प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गई थी, जिसके बाद राष्ट्रपति एंड्री देश से चले गए।
राजोएलिना को 2009 में सत्ता में लाने में मदद करने वाली CAPSAT नामक विशेष सैन्य इकाई ने दावा किया है कि उन्होंने सभी सशस्त्र बलों पर नियंत्रण ले लिया है। CAPSAT के कमांडर कर्नल माइकल रांद्रिआनीरिना ने कहा कि संघर्ष के दौरान एक सैनिक की मौत हुई, लेकिन उन्होंने तख्तापलट करने से इनकार किया। उन्होंने कहा, “सेना ने जनता की आवाज का जवाब दिया।” प्रदर्शन 25 सितंबर से पानी और बिजली की कमी को लेकर शुरू हुए थे और इस आंदोलन को Gen Z युवाओं ने ‘Gen Z Madagascar’ नाम दिया।
धीरे-धीरे यह आंदोलन भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन में बदल गया। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अब तक कम से कम 22 लोग मारे गए हैं, हालांकि सरकार इस आंकड़े को खारिज करती है। मेडागास्कर के पूर्व उपनिवेशवादी देश फ्रांस ने राष्ट्रपति को निकालने की रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की। अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को अस्थिर स्थिति के बीच घर में रहने की सलाह दी है। अफ्रीकी संघ ने सेना और नागरिकों से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की हिंसा से बचने का आह्वान किया है।