काबुलः तालिबान बलों और पाकिस्तानी सेना के बीच पक्तिका और हेलमंद प्रांतों में खासतौर से भीषण गोलीबारी हुई। इसके बाद ईरान और क्षेत्रीय मध्यस्थों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया। कतर और सऊदी की कथित मध्यस्थता के बाद संघर्ष रुक गया है। हालांकि तनाव बरकरार है और दोनों ओर सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं। पाकिस्तान ने बॉर्डर को व्यापार और नागरिक आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। ऐसे में अब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच भड़की हिंसक झड़प अब थम गई है।
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने रविवार को घोषणा की कि सऊदी अरब और कतर की मध्यस्थता के बाद सीमा पर जारी लड़ाई को ‘पूरी तरह रोक दिया गया है।’ हालांकि दोनों देशों के कुल 74 सैनिक मारे गए। तालिबान ने दावा किया है कि शनिवार रात की झड़प में पाकिस्तान के 58 सैनिक मारे गए, जबकि तालिबान के 9 योद्धा भी शहीद हुए और 16 घायल हुए हैं। अफगान मीडिया TOLOnews के अनुसार, यह संघर्ष पाकिस्तान की काबुल एयरस्ट्राइक के जवाब में हुआ था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर घंटों तक फायरिंग चली।
तालिबान ने कहा है कि उन्होंने कतर और सऊदी अरब के अनुरोध और मध्यस्थता पर संघर्ष रोकने का फैसला किया है। प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, ‘हमने सीमा पर झड़पें रोक दी हैं। यह निर्णय कतर और सऊदी अरब की मध्यस्थता और उनके अनुरोध पर लिया गया। हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहते हैं।’ सऊदी अरब, कतर और ईरान ने इस संघर्ष पर गहरी चिंता जताई थी और दोनों पक्षों से ‘संयम, बातचीत और समझदारी’ की अपील की थी। सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘हम पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से चिंतित हैं।
दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए और संवाद के जरिए सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखनी चाहिए।’ कतर विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि वह क्षेत्रीय शांति और लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव सहयोग करेगा। वहीं ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा- ‘दोनों पक्षों को धैर्य रखना चाहिए। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में स्थिरता का मतलब पूरे क्षेत्र में स्थिरता है।’ अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इस समय भारत की यात्रा पर हैं। उन्होंने भी इस संघर्ष पर प्रतिक्रिया दी है। अफगान विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्तकी ने इस्लामाबाद के साथ रिश्तों पर बयान देते हुए कहा, ‘हम पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं।
कुछ लोग इन रिश्तों को खराब करना चाहते हैं, लेकिन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के आम लोग दोस्ती चाहते हैं। हम जीरो टेंशन की नीति पर हैं, लेकिन अगर हमला हुआ तो अपनी हिफाजत करना जानते हैं।’ बता दें कि बीते सप्ताह पाकिस्तान ने काबुल के पास तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे, जिसमें कई लोग मारे गए। इसके बाद अफगान तालिबान ने सीमा पर पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को निशाना बनाया। लंबे समय तक चली गोलीबारी में दोनों तरफ भारी नुकसान हुआ।