चंडीगढ़ः हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन सिंह की मौत को लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। घटना के 3 दिन बाद भी पूरन सिंह का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। अब आईपीएस की बड़ी बेटी अमेरिका से चंडीगढ़ पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि एडीजीपी को जान देने के लिए मजबूर करने पर चंडीगढ़ पुलिस ने केस दर्ज किया है। उधर, एफआईआर के बाद आईपीएस वाई पूरन कुमार के परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए हामी भर दी है। आज अब अधिकारी के शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। परिवार की मांग पर ही पीजीआई के डॉक्टर का मेडिकल बोर्ड गठित किया जाएगा।
इससे पहले गर्वनमेंट मेडिकल कालेज एवं अस्पताल सेक्टर-32 का मेडिकल बोर्ड किया गया था, लेकिन परिवार उस पर राजी नहीं हुआ। वहीं, अफसर की बेटी का भी अमेरिका से आने का इंतजार किया जा रहा था। दूसरी ओर इस मामले को लेकर पूरन सिंह का परिवार शाम को 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है। जानकारी के अनुसार, बीते रोज सीएम नायब सिंह सैनी ने पूरन सिंह के परिवार से मुलाकात की थी। वहीं, अब हरियाणा सिविल सर्विस ऑफिसर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख चीफ सेक्रेटरी समेत सभी आरोपियों को पद से हटाने की मांग की है।
इस संबंध में गृहमंत्री और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र भेजा गया है। बता दें कि चंडीगढ़ पुलिस ने आईपीएस अधिकारी की पत्नी की शिकायत पर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरनिया समेत कुल 15 वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। शिकायत में इन अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न और दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में 3 आईएएस और 12 आईपीएस अधिकारी नामजद किए गए हैं।
अनुराग रस्तोगी, मुख्य सचिव, टी.वी.एस.एन. प्रसाद — पूर्व मुख्य सचिव, राजीव अरोड़ा, पूर्व एसीएस और आईपीएस अधिकारियों में डीजीपी शत्रुजीत कपूर, मनोज यादव, पूर्व डीजीपी, पी.के. अग्रवाल, पूर्व डीजीपी, कला रामचंद्रन, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, संदीप खिर्वर, एडीजीपी, एडीजीपी अमिताभ ढिल्लों, एडीजीपी संजय कुमार, एडीजीपी माता रवि किरण, आईपीएस शिवास कविराज, आईजी पंकज नैन, आईजी कुलविंदर सिंह और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरनिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन सभी के नाम सुसाइड नोट में लिखे गए हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद अब चंडीगढ़ पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।