नई दिल्ली: क्लाइमेट एक्टिविटिस्ट सोनम वांगचुक की रिहाई अभी तक नहीं हुई है। 26 सितम्बर को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट NSA के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद अभी तक वे हिरासत में है। वहीं सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपने पति की रिहाई की मांग करते हुए हेबियस कार्पस याचिका लगाई है। डॉ. अंगमो ने दावा किया है कि सोनम वांगचुक की गिरफ़्तारी इल्लीगल है। इसके साथ ही उनके गिरफ्तारी के समय हिरासत आदेश की कॉपी भी नहीं दी गई।
I have sent this representation for the immediate release of Shri Sonam Wangchuk to the President of India, Prime Minister of India, Home Minister, Law Minister of India, and the LG of Ladakh, with a cc to DC Leh. pic.twitter.com/6Y0xa46sNK
— Gitanjali J Angmo (@GitanjaliAngmo) October 1, 2025
गीतांजलि ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस मामले में चिंता दिखते हुए सरकार से सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए आवाज उठाना क्या पाप है। अंगमो ने सरकार पर आंदोलन को कमजोर करने के लिए उनके पति को “देशद्रोही” बताने और “जासूसी” करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि वांगचुक सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों की और से लगाए गए आरोपों पर पहले ही स्पष्टीकरण दे चुके हैं, लेकिन “उन्हें बदनाम करने के लिए ये खेल खेला जा रहा है।”
उन्होंने अपने कैप्शन में लिखते हुए इस बात की जानकारी दी – ‘मैंने श्री सोनम वांगचुक की तत्काल रिहाई के लिए यह अभ्यावेदन भारत के राष्ट्रपति, भारत के प्रधान मंत्री, गृह मंत्री, भारत के कानून मंत्री और लद्दाख के उपराज्यपाल को भेजा है, साथ ही डीसी लेह को भी इसकी कॉपी भेजी है’।
Gen – Z प्रोटेस्ट के दौरान हुए गिरफ्तार
बता दें कि 24 सितंबर को लेह में हुए Gen – Z प्रोटेस्ट के दौरान काफी हिंसा हुई जहां प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के दफ्तर फुक दिए तो वहीं एक सीआरपीएफ की गाड़ी भी जला डाली। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई तो वहीं 70 से ज्यादा लोग घायल हुए। जिसके बाद सरकार ने सोनम वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। वे इस वक़्त राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद है। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट अंगमो की याचिका पर सुनवाई करेगा।
अनुसूची 6 की कर रहे मांग
लेह के लोग अनुसूची 6 के लिए प्रदर्शन कर रहे है। वे चाहते है कि उनके राज्य को भी उनकी खुद की सरकार मिले। 2019 में आर्टिकल 370 के हटने के बाद से ही यहां के लोग प्रदर्शन कर रहे है और इस प्रदर्शन में एक मुख्य चेहरा था सोनम वांगचुक। उन्होंने कई बार इसके सबूत दिखाए कि सरकार ने आश्वासन दिया था की उन्हें भी अनुसूची 6 में रखा जायेगा मगर ये अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।