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देश के सबसे ऊंचे 215 फीट रावण दहन, पटाखों की आवाज से हाथी हुआ बेकाबू, लोगों में मची भगदड़, देखें वीडियो

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कोटा: देश भर में अलग-अलग जगहों पर दशहरा पर्व मनाया गया। वहीं दशहरे के मेले में कई जगहों पर ऐसे वाकये देखने को मिले, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बने। वहीं ऐसा ही मामला कोटा से सामने आया है, जहां अचानक जब रावण के पुतले के दहन के दौरान पटाखों की आवाज से हाथी बेकाबू हो गया। इस दौरान मैदान में रावण दहन को लेकर लोग मोबाइल में वीडियो बना रहे थे, तभी अचानक मेले के बीच शोभायात्रा में हाथी के बेकाबू होने से लोगों में भगदड़ मच गई।

हालांकि किस्मत की बात ये रही कि हाथी पर सवार महावत ने उसको थोड़ी देर में ही काबू में कर लिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कैसे हाथी के हल्का सा बेकाबू होने से भगदड़ सी मच गई। लोग इधर उधर भागने लगे। महावत ने उसे संभालने का प्रयास किया, लेकिन वह काबू में नहीं आया और भीड़ की तरफ दौड़ा। जैसे ही भीड़ में हाथी आया तो लोगों के हाथ पैर फूल गए और लोगों में भगदड़ मच गई। लोग बेरिकेटिंग कूदकर भागने लगे, कुछ लोग गिर गए। बेरिकेटिंग के पास लगा विद्युत पोल भी हाथी के टकरा जाने से गिर गया।

राहत की बात यह रही कि इस घटनाक्रम में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जहां यह भगदड मची वहां लोगों को भागने की जगह मिल गई नहीं, तो भगदड़ में भी लोग दब सकते थे। भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी में झांकियों के अलावा राम और रावण की सेना युद्ध करते हुए दिखी। राक्षस घोड़ों पर सवार थे तो वानर सेना हाथों में गदा लिए उनसे लड़ रही थी। मां कालिका द्वारा असुर संहार और रौद्र रूप भी जनता को रास आया। शोभायात्रा मार्ग में दोनों ओर खड़े लोगों ने भगवान लक्ष्मीनारायण जी के जयकारे लगाए। वहीं, सहरिया जनजाति तथा भील जनजाति की ओर से भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई।

कोटा शहर की मुख्य रामलीला में सबसे बड़ा रावण का दहन हुआ। यहां 132वें राष्ट्रीय मेला दशहरा में रावण का 215 फीट का पुतला तैयार किया गया था। ये रावण का सबसे ऊंचा पुतला था। कोटा में रावण का पुतला जलने के दौरान सेंसर सिस्टम ठप हो गया। 7.30 बजे रावण दहन का समय था, लेकिन रात 9.30 बजे तक मशक्कत चलती रही। नगर निगम की अग्निशमन टीम को मैनुअल तरीके से मोर्चा संभालना पड़ा। हाइड्रोलिक क्रेन के जरिये रावण के पुतले के कई अलग अलग हिस्सों को जलाने का प्रयास किया गया।

कोटा में दशहरा मेले में बना देश का सबसे बड़ा रावण का पुतला ठीक से नहीं जल सका। बुधवार को हुई बारिश के कारण रावण का पुतला भीग गया था। रावण के अंदर बारूद पूरी तरह से जल गया, लेकिन रावण पूरी तरह से जल नहीं पाया। कुंभकरण का भी मुंह नहीं जल पाया। रावण पूरी तरह जलने से पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और सीएम भजन लाल मैदान से निकल गए। रावण के पूरी तरह जलने से पहले भीड़ भी मैदान से निकलने लगी थी। बारिश के कारण रावण दहन का मजा किरकिरा हो गया।

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