अमृतसरः पंजाब में नर्सों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रशासन के रूखे रवैये और वादों से परेशान होकर यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन ऑफ पंजाब और नर्सिंग कैडर की सभी जिला इकाइयों ने संयुक्त रूप से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। जिसके चलते राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सेहत सेवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अस्पतालों में सेवाए काफी प्रभावित होगी।
नर्सों का कहना है कि जब उनकी भर्ती हुई थी, तब उन्हें उच्च वेतनमान देने का वादा किया गया था, लेकिन साल 2020 के बाद उनका पे-स्केल 4600 से घटाकर 2800 कर दिया। इससे पुराने और नए स्टाफ के वेतन में भारी अंतर पैदा हो गया है, जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। नर्सों की मांग है कि समान कार्य के लिए समान वेतन की नीति लागू की जाए ताकि सभी स्टाफ को एक जैसा वेतन मिल सके। उनका कहना है कि प्रशासन का यह रवैया सिर्फ नर्सिंग स्टाफ ही नहीं, बल्कि राज्य की पूरी सेहत व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है।
गुरु नानक अस्पताल, अमृतसर के नर्सिंग स्टाफ रोहित ने बताया कि पिछले पांच सालों से उन्हें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जब तक प्रशासन उनका पुराना वेतनमान वापस नहीं करती और फिट-पे कमीशन लागू नहीं करती, उनका धरना जारी रहेगा। नर्सिंग संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानीं तो यह संघर्ष और तेज किया जाएगा। नर्सों का आरोप है कि प्रशासन हर बार बातचीत का समय देकर वादाखिलाफी कर देती है।