चंडीगढ़ः देश में एयरफोर्स की पहचान रहे फाइटर प्लेन मिग-21 की आज अंतिम विदाई दी जा रही है। विदाई समारोह चंडीगढ़ एयरबेस पर आयोजित किया जा रहा है। ‘पैंथर्स’ उपनाम वाले तेईसवें स्क्वाड्रन के अंतिम मिग-21 विमान को चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर आयोजित समारोह में विदाई दी जाएगी, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे, वहीं एयरफोर्स प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहेंगे। दरअसल, कई वर्षों तक भारतीय वायुसेना का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान रहा मिग-21 आज यानी 26 सितंबर को रिटायर हो रहा है।
यह भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था, जिसने 1965, 1971 और 1999 के युद्ध में पाकिस्तानियों के दिल दहलाए। अपने आखिरी दौर में भी इस फ्लाइंग मशीन ने पाकिस्तान की शान एफ-16 लड़ाकू विमान का शिकार किया। चंडीगढ़ में आयोजित हो रहे कार्यक्रम में मिग-21 को अंतिम विदाई दी जाएगी। 6 दशकों से भी अधिक समय से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे प्रसिद्ध रूसी लड़ाकू विमान मिग-21 आज सेवामुक्त हो जाएंगे।
मिग-21 विमानों के संचालन का आधिकारिक समापन आज चंडीगढ़ में एक औपचारिक फ्लाईपास्ट और विदाई समारोह के साथ होगा। चंडीगढ़ एयरबेस पर इस प्रतिष्ठित विमान को 60 साल पहले वायुसेना में शामिल किया गया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में मिग-21 लड़ाकू विमान बेड़े को सेवामुक्त करने से पहले, विंग कमांडर राजीव बत्तीश (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मिग-21 की एक बहुत लंबी कहानी है और यहां इतने सारे लोगों का इकट्ठा होना इस बात का प्रमाण है कि हम सभी इस विमान से जुड़े हुए हैं।
विंग कमांडर ने कहा कि जहां तक भारत का संबंध है, लड़ाकू विमान पर उड़ाए गए विमानों की अधिकतम संख्या मिग-21 है। बहुत शक्तिशाली विमान, और ज्यादातर पूर्वी ब्लॉक के देशों ने इसे उड़ाया। यह पश्चिमी क्षेत्र के लिए एक पहेली था… जहां तक उड़ान का सवाल है, मिग-29 एक खूबसूरत मशीन थी, और इसका प्रमाण यह है कि देश भर से विदेशों से इतने सारे लोग अंतिम प्रकाश देखने और अलविदा कहने के लिए यहां आए हैं।