शिमलाः हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत नेगी ने एक बार फिर से सांसद कंगना रनौत पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत को जनजातीय क्षेत्र के लोगों ने भी वोट दिए, लेकिन जब आपदा आई तो वह कहीं नजर नहीं आई। आपदा के समय जयराम ठाकुर उन्हें फोन करते हैं कि यहां आपदा आई है तो ऐसे समय में यहां ना आए। इस तरह की इनकी सोच है आपदा में भी सांसद ने एक भी रुपए अपनी निधि से राहत के लिए नहीं दिया। एसी में बैठकर मेकअप कर बड़ी-बड़ी बातें करना आसान है, लेकिन धरातल में काम करना अलग बात है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में बात करके अपना समय बर्बाद करना है। ये सिर्फ अपनी शानो शौकत के लिए जीते है। घोड़े पर बैठकर किसी महान व्यक्तित्व का किरदार निभाना आसान है, लेकिन उसे हकीकत में निभाना अलग बात है।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आपदा के जख्मों को देखने के लिए यहां आए तो जरूर और घोषणा भी की परंतु वह पैसा कब आएगा यह कोई पता नहीं है। भाजपा के नेता जनता को गुमराह करने में लगे हैं। जब तक केन्द्र से विशेष रूप से प्रभावितों के लिए पैसा नहीं आता तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में बार-बार भाजपा के नेता लोगों को गुमराह करने के लिए बड़ी-बड़ी बातें कह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कठिन आर्थिक विषमताओं के बावजूद आपदा में प्रभावित हुए लोगों की मदद कर रही है। अपने संसाधनों से सरकार लगातार प्रभावितों को बसाने के काम में जुटी है, जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनको किराए पर मकान लेने के लिए किराया सरकार दे रही है और यह राशि तब तक दी जाएगी जब तक उनके अपने पक्के मकान नहीं बन जाते। प्रभावितों को जमीन के बदले में जमीन देने के लिए राज्य सरकार ने एफसीए में छूट देने की मांग केन्द्र सरकार से की। मगर अभी तक उसमें कोई निर्णय नहीं हुआ।
केन्द्र सरकार के नेता व खुद प्रधानमंत्री यहां पर मजबूरी में आए क्योंकि भाजपा के नेता हल्ला मचा रहे थे। वर्ष 2023 में भी यहां पर भयंकर आपदा आई तब भाजपा ने हल्ला नहीं किया तो केन्द्र से भी कोई नहीं आया। मंडी जिला में वर्ष 2023 में मनरेगा से डंगे आदि लगवाने के लिए एक हजार करोड़ रूपए की स्कीम मंजूर की गई थी जिसके बाद 2024 में वहां के लिए 500 करोड़ की स्कीम मंजूर हुई। इस बार भी सरकार लगातार अपने संसाधनों से वहां के लिए पैसा खर्च कर रही है क्योंकि वहां काफी बड़ा नुकसान हुआ है।
राजस्व मंत्री ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार हिमाचल के साथ आपदा राहत में भेदभाव कर रही है। राज्य सरकार ने ऐतिहासिक आपदा राहत पैकेज अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों के लिए दिया है। इसकी अधिसूचना पूरे प्रदेश के लिए की जाएगी जिसमें पॉली हाउस की क्षतिपूर्ति के लिए भी सरकार 25 हजार रूपए तक की राहत प्रदान करेगी। इसके साथ खेतों में मलवा आ जाने पर उसे खाली करवाने के लिए भी 6 से 10 हजार रूपए प्रति बीघा की राहत राशि बतौर मुआवजा मिलेगी। इस तरह का राहत पैकेज देश में किसी भी दूसरे राज्य ने नहीं दिया, मगर अभी तक केन्द्र सरकार से केवल घोषणा हुई है और कोई विशेष सहायता वहां से नहीं मिल पाई है।