नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी एक स्कीम को लेकर अहम बदलाव किया है। बैंक ने लिमिट बढ़ा दी है ऐसे में इसका अर्थ है कि सेविंग अकाउंट में पैसे रखने वाले काफी लोग इसका फायदा ले पाएंगे। यह स्कीम ऑटो स्वीप डिपॉजिट है इसको मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट(MOD) भी कहते हैं। 1 सितंबर 2025 से ऑटो स्वीप शुरु करने के लिए बचत खाते में जमा राशि की सीमा 15,000 कर दी गई है। अब बचत खाते में जमा राशि 50,000 से ज्यादा होने पर मल्टी ऑप्शन डिपोजिट स्कीम शुरु की जाएगी। पहले यह सीमा 35,000 रुपये थी जो अब बढ़ा दी गई है।
आखिर क्या होती है ऑटो स्वीप स्कीम?
यह एक बैंकिंग सर्विस होती है जो आपके सेविंग अकाउंट्स और फिक्स्ड डिपॉजिट को जोड़ेगी। यह आपके अकाउंट में एक तय की गई लिमिट से ज्यादा डिपॉजिट हुई एक्स्ट्रा अमाउंट को ऑटोमैटिक तौर से FD में निवेश करेगी। इससे आप हाई इंटरेस्ट रेट का फायदा भी उठा पाएंगे। जरुरत पड़ने पर यही एक्स्ट्रा अमाउंट खुद ही आपके सेविंग अकाउंट में आ जाएगा। इससे अब लिक्विडिटी की समस्या भी नहीं होगी और एफडी जैसे हाई ब्याज दर का भी फायदा आपको मिलेगा।
Why make your money choose between chilling in savings or working hard in an FD?
With MODS, it does both, automatically. Get high returns and full access. Start today! Visit your nearest SBI branch or log in to Internet Banking. Applicable to Salaried/NRI & Wealth customers.— State Bank of India (@TheOfficialSBI) September 9, 2025
इस तरह काम करेगा एसबीआई का ऑटो स्वीप
इस स्कीम के अंतर्गत सेविंग अकाउंट में एक्स्ट्रा राशि खुद ही एफडी में ट्रांसफर हो जाएगी। यदि बाद में सेविंग अकाउंट का बचा हुआ अमाउंट या डेबिट कम पड़ेगा तो एसबीआई रिवर्स स्वीप शुरु करेगी और कमी को पूरा करेगी। एसबीआई के अनुसार, MODS योजना की खास विशेषता ग्राहकों को अधिशेष निधियों पर उच्च ब्याज निकालने में मदद करेगा।
नाबालिग भी उठा पाएंगे लाभ
MOD अकाउंट एक व्यक्ति, ज्वाइंट या फिर नाबालिग के तौर पर भी खोल सकते हैं। हर ऑटो स्वीप अकाउंट को मिनिमम पीरियड 1 साल होता है जरुरत पड़ने पर आप इसको पहले तोड़ भी सकते हैं। इस पर ब्याज तिमाही या कंपाउंडिग बेस पर दिया जाता है। समय से पहले यदि आप इसको विड्रॉल करेंगे तो आप पर छोटा सा जुर्माना भी लग सकता है। इस व्यवस्था से यह तय होता है कि क्स्टमर्स FD से ज्यादा रिटर्न का फायदा उठा पाएं। इसके अलावा अपनी रोजाना की जरुरतों के लिए भी पैसा बचाकर रख पाएं।
क्या होता है ऑटो स्वीप बदलाव?
एसबीआई की ऑटो स्वीप डिपॉजिट, सेविंग अकाउंट के कम रिटर्न और फिक्स्ड डिपॉजिट की कठोरता के बीच में एक जरुरी निवेश स्कीम है। लिमिट को 50,000 रुपये तक बढ़ाकर एसबीआई ने यह सुनिश्चित किया है कि सिर्फ सार्थक अधिशेष ही एमओडी में जमा हो पाएं इससे यह योजना और भी ज्यादा सुव्यवस्थित हो जाएगी।