सेहत: सभी का यही मानना है कि हाथ धोने से कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। यही कारण है कि घर से लेकर स्कूल, ऑफिस, अस्पताल, एयरपोर्ट और रेस्त्रां तक हाथ धोने की खास सुविधा मिलती है परंतु असली दिक्कत वहां आ सकती है जब हाथ धोने के बाद उनको सुखाना पड़ता है। आमतौर पर लोग हाथ साफ करने के लिए पेपर टॉवल, रुमाल या टिश्यू इस्तेमाल करते हैं परंतु आजकल सभी जगहों पर पेपर टॉवल की जगह हैंड ड्रायर लगे होते हैं। ऐसे में लोगों का लगता है कि यह मॉर्डन, आसान और इको फ्रेंडली तरीका है परंतु रिसर्च में आए नतीजे आपको चौका सकते हैं। रिसर्च में यह सामने आया है कि पब्लिक जगहों पर लगे हुए हैंड ड्रायर उतने सेफ नहीं होते हैं जितना आप उन्हें समझते हैं।
एक्सपर्ट्स ने हाल ही में पब्लिक प्लेस पर लगे हुए हैंड ड्रायर को लेकर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि वॉशरुम पहले से ही बैक्टीरिया और वायरस के साथ भरा होता है। ऐसे में जब आप लोग हैंड ड्रायर का इस्तेमाल करते हैं तो टॉयलेट से निकलने वाले फ्लश एरोसोल यानी की माइक्रोऑर्गनिज्म खिंच लेते हैं। यह सीधे हमारे साफ हाथों में आ जाते हैं और हाथ धोने का पूरा फायदा ही बेकार हो जाता है। सिर्फ एक्सपर्ट्स ही नहीं बल्कि कई सांइटिफिक रिसर्च में यह साफ बताया गया है कि हैंड ड्रायर सिर्फ हाथों को ही नहीं बल्कि बाथरुम भी गंदा कर देता है।
स्टडी में हुआ साबित
कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी और क्विनिपियाक यूनिवर्सिटी की स्टडी से यह पता चला है कि जब ड्रायर चालू किया गया और पेट्री डिश को बाथरुम की हवा के पास रखा तो उसमें 254 बैक्टीरिया की कॉलोनियां बन गई परंतु जब ड्रायर बंद था तो करीबन सारे बैक्टीरिया नहीं पनपे। ये ज्यादातर बैक्टीरिया टॉयलेट से निकलने वाले छोटे-छोटे एरोसोल आए थे। तेज हवा वाले जेट ड्रायर इसका खतरा और बढ़ाते हैं क्योंकि ये दूषित कणों को हाथों, कपड़ों और आस-पास की चीजों पर फैला सकते हैं। इससे जो इंसान ड्रायर इस्तेमाल करता है उसके पास जर्म्स आ सकते हैं।
2018 में अमेरिकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी में यह पाया गया कि गर्म हवा वाला ड्रायर हवा के साथ जर्म्स को बाहर फेंकता है। ऐसे में ड्रायर की हवा साफ नहीं होती और उसमें गंदे कण मिल जाते हैं। ये पाया गया कि HEPA फिल्टर लगने के बाद भी ड्रायर हवा में बैक्टीरिया छोड़ते हैं। इसका अर्थ है कि ये फिल्टर पूरी तरह से जोखिम खत्म नहीं करते। एक रिसर्च में यह बताया गया है कि जेट ड्रायर, तौलिए जैसे ट्रैडिशनल सुखाने के तरीकों की तुलना में जर्म्स ज्यादा दूर तक फैलते हैं। इसमें से निकलने वाली बूंदे कई मीटर तक उड़ती हैं और लंबे समय तक हवा में बनी रहती है।
पेपर टॉवल ज्यादा सेफ
. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि हाथ सुखाने के लिए पेपर टॉवल सबसे सुरक्षित ऑप्शन होता है ऐसा इसलिए क्योंकि ये जल्दी हाथों की नमी सोख लेता है।
. यह जर्म्स के एक जगह से दूसरी जगह जाने की संभावना कम करता है।
. एयर ड्रायर से होने वाली पॉल्यूशन और हवा में जर्म्स फैलने की समस्या से भी बचाते है।
. खासतौर पर एयरपोर्ट, स्कूलों और अस्पताल जैसे भीड़भाड़ वाली जगहों पर जेट एयर ड्रायर की जगह पेपर टॉवल इस्तेमाल करना ज्यादा सही है। इससे इंफेक्शन का खतरा कम होगा।