धर्म: हर साल पूरे उत्साह और उमंग के साथ नवरात्रि का पावन त्योहार मनाया जाता है। पितृपक्ष खत्म होने के बाद शारदीय नवरात्रि शुरु होते हैं। इस साल नौ नहीं 10 दिन के शारदीय नवरात्रि होंगे। इस बार एक तिथि में बढ़ोतरी हो रही है। नवरात्रि में एक दिन बढ़ना शुभ माना जाता है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रुपों की विधि विधान के साथ अराधना की जाती है। नौ दिन नवरात्रि का व्रत करने के बाद नवमी वाले दिन कन्या पूजन और दशमी तिथि पर व्रत का पारण किया जाता है।
22 सितंबर से शुरु होगी नवरात्रि
इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरु हो रहे हैं। अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत इस बार 22 सितंबर को रात 01:23 मिनट पर होगी ऐसे में नवरात्रि का पहला दिन 22 सितंबर को पड़ेगा। इसी दिन कलश भी स्थापित किया जाएगा।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस बार कलश स्थापना के लिए सुबह 6:09 बजे से लेकर 8:09 बजे तक होगा। यदि दोपहर में घट स्थापना कर रहे हैं तो अभिजीत मुहूर्त 11:49 से लेकर 12:38 तक रहेगा। यह समय घट स्थापना के लिए शुभ माना जाता है।
इसलिए खास होते हैं शारदीय नवरात्रि
पंचाग के अनुसार, इस साल श्राद्ध पक्ष में एक तिथि कम हो रही है और नवरात्रि में एक तिथि बढ़ रही है। ऐसे में इस साल नौ दिन नहीं 10 दिन के लिए नवरात्रि होगी। ऐसे में शारदीय नवरात्रि में चतुर्थी तिथि की वृद्धि हो रही है। नवरात्रि में तिथि बढ़ना शुभ माना जाता है। इस बार माता का आगमन बहुत शुभ होने वाला है। 22 सितंबर को कलश स्थापना होगी।
हाथी पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा
मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान हफ्ते के दिन के मुताबिक होता है। इस बार नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर सोमवार हो रही है। यदि नवरात्रि की प्रतिपदा सोमवार या रविवार को हो तो मां दुर्गा हाथी पर आती हैं। हाथी पर सवार होकर आना शुभ लक्षण का प्रतीक है। ऐसे में पूरे साल सुख-समृद्धि और सौभाग्य का संचार होगा।