सेहत: मोटापा आज के समय में सबसे बड़ी दिक्कत बना हुआ है। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से यह एक है हालांकि हेल्थ इंडस्ट्री में वजन घटाने के लिए कई तरह की दवाईयां मौजूद भी है। अब World Health Organization की ओर से मोटापा कम करने वाली दवाईयों को Model List Of Essential Medicines में शामिल कर लिया गया है। यह कदम सिर्फ हेल्थकेयर सेक्टर ही नहीं बल्कि आम लोगों की जिंदगी पर भी बड़ा असर डालेगा।
इसलिए खास है WHO की दवाईयों की लिस्ट
WHO के द्वारा पेश की गई लिस्ट में 150 से ज्यादा देश शामिल हैं। इसमें भारत भी शामिल है। दवाईयों की खरीदी, सप्लाई, हेल्थ इंश्योरेंस और कुछ स्किम्स की डिटेल भी इसमें मौजूद हैं। यदि भारत इस लिस्ट को अपनाएगा तो आने वाले समय में भारत में इन सभी दवाईयों की कीमत में भारी कमी हो जाएगी।
भारत में दवाईयों की कीमत
.Wegovy (Semaglutide): इस दवाई की कीमत प्रति माह करीबन 17,000 से 26,000 के बीच में है।
. Mounjaro (Tirzepatide): इसकी कीमत 14,000 से 27,000 प्रति महीने है। इसमें शीशियों की कीमत थोड़ी कम है परंतु Kwikpens (Pre Filled disposable Device) ज्यादा मंहगी है।
WHO का आया बयान
. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इन दवाईयों की ज्यादा कीमत लोगों की पहुंच सीमित कर रही है।
. इसके लिए जेनेरिक दवाईयों को बढ़ावा देना चाहिए ताकि कीमतें कम हो सके।
. प्राइमरी हेल्थकेयर में ये दवाईयां कितनी मात्रा में उपलब्ध हैं इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि उन सभी क्षेत्रों को सुविधाएं मिल पाएं जिन्हें दवाईयां मिल न पाए।
तेजी से बढ़ रहा है मोटापा
भारत में इस समय मोटापा और ओवरवेट की समस्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है।
. 1990 में 53 मिलियन लोग ओवरवेट और मोटापे से जूझ रहे थे।
. यदि अभी कदम नहीं उठाया तो संख्या बढ़कर 520 मिलियन तक पहुंच जाएगी।
. 2021 तक संख्या 235 मिलियन हो सकती है।
लाखों लोगों को होगा फायदा
WHO सिर्फ मोटापा और डायबिटीज ही नहीं बल्कि कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाईयां भी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना चाहता है।
वहीं भारत जैसे देश में मोटापा और डायबिटीज के मरीज हर साल बढ़ते ही जा रहे हैं ऐसे में डब्ल्यूएचओ का यह कदम बड़ा बदलाव साबित होगा। यदि भारत में इन दवाईयों की लिस्ट जारी की जाए तो कीमतें कम होगी और लाखों लोगों को फायदा भी होगा।