श्री मुक्तसर साहिबः वंगल गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब गरीब परिवार सतनाम सिंह के घर की छत अचानक गिर गई। घर में रखा सामान मलबे में दब गया, लेकिन गनीमत रही कि परिवार के सदस्य बाल-बाल बच गए। जानकारी के अनुसार, यह घर उस कॉलोनी में बना था जिसे 1999 में बादल सरकार के दौरान बेघर परिवारों के लिए 5 मरले के प्लॉट आवंटित किए गए थे।
इस कॉलोनी में कुल 16 घर बने थे, लेकिन 26 साल के लंबे अंतराल के बाद, ये घर अब जर्जर हो चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण इन घरों की छतों की हालत और भी खराब हो गई है। ग्रामीणों के अनुसार, ज्यादातर 16 घरों के लैंटर से सीमेंट उखड़ने लगा है और कई घरों की छतों को लकड़ियों से बंद कर दिया गया है। बीती रात इस कॉलोनी के दो घरों की छतें गिर गईं, जिनमें से एक सतनाम सिंह का घर है। सतनाम सिंह ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ घर में सो रहे थे, तभी अचानक छत गिर गई। हालांकि, समय रहते बाहर निकल जाने से उनकी जान तो बच गई, लेकिन घर के अंदर रखा सारा सामान नष्ट हो गया।
इस बीच, गांव वंगल के सरपंच ने बताया कि इस कॉलोनी के सभी परिवार दिहाड़ी मजदूरी करके अपना गुजारा करते हैं और अपने घरों की मरम्मत नहीं करवा पा रहे हैं। सरपंच ने यह भी बताया कि छतें गिरने से अब गरीब परिवार तिरपाल से बने तंबुओं में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए, ताकि वे फिर से छत के नीचे रह सकें और किसी बड़ी दुर्घटना से बच सकें।