नई दिल्ली: रुस ने कैंसर पीड़ित मरीजों के खिलाफ लड़ाई में सफलता हासिल की है। फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी ने कैंसर की वैक्सीन बनाई है। FMBD के प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्त्सोवा ने कहा कि रुसी एंटरोमिक्स कैंसर वैक्सीन अब इस्तेमाल के लिए तैयार हो गई है। mRNA-बेस्ड इस वैक्सीन ने सभी प्रीक्लिनिकल टेस्ट को भी सफलतापूर्वक पार कर लिया है। इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता साबित हुई है। इस टीके का शुरुआती लक्ष्य कोलोरेक्टल कैंसर का निदान करना होगा।
सिर्फ अप्रूवल का इंतजार कर रहे वैज्ञानिक
रुस की समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, रुस की कैंसर वैक्सीन काफी कारगार साबित हुई है। एफएमबीए की प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्त्सोवा ने ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEF) में इसकी घोषणा की है। स्कवोर्त्सोवा ने कहा कि यह शोध कई सालों तक चला है इसमें पिछले तीन साल सिर्फ मैंडेटरी प्रीक्लिनिकल स्टडीज को समर्पित थे। वैक्सीन अब इस्तेमाल के लिए तैयार है। हम आधिकारिक स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहना है कि प्रीक्लिनिकल ट्रॉयल्स टीके की सुरक्षा, बार-बार इस्तेमाल करने के बाद इसकी प्रभावशीलता की पुष्टि करते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि इस दौरान ट्यूमर के आकार में कमी आई और ट्यूमर के विकास में भी कमी देखी गई। इसके अलावा अध्ययन में यह भी देखा गया कि टीके के कारण मरीज की जीवित रहने के दर में भी बढ़ोतरी दिखी है।
अभी भी चल रहा है वैक्सीन पर काम
एफएमबीए प्रमुख के अनुसार, वैक्सीन के पहले संस्करण का इस्तेमाल कोलोरेक्टल कैंसर के इलाज के लिए होगा। वहीं ग्लियोब्लास्टोमा (मस्तिष्क कैंसर) और मेलेनोमा (स्किन कैंसर) के खास प्रकारों के लिए टीका विकसित करने के लिए उम्मीद की किरण जगी है। वर्तमान समय में यह एडवांस के चरण में है।