जालंधर (ens): रेलवे स्टेशन और सिविल अस्पताल रात होते ही अंधेरे में डूब गए। जिसकी वीडियो भी सामने आई है, रेलवे स्टेशन की वीडियो में देखा जा सकता है कि यात्री अंधेरे में ट्रेनों में सफर करने के लिए प्लेटफार्म पर इंतजार कर रहे हैं। यदि इस दौरान कोई हादसा हो जाए, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
दूसरी ओर सिविल अस्पताल का भी यही हाल है। मरीज के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में पिछले 10 घंटे से लाइट न होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ कमरों में इन्वर्टर के जरिए सिर्फ लाइट ही जल रही है। जबकि मरीज बिना कूलर और पंखे के बैठने को मजबूर है।
जानकारी देते हुए मरीज त्रिभुवन ने बताया कि वह पेट की समस्या के कारण अस्पताल में दाखिल है। मरीज ने बताया कि सुबह 8:00 से लाइट गई हुई है। गर्मी में बिना कूलर और पंखे से मरीजों का बुरा हाल हो रहा है। पूरे वार्ड में सिर्फ दो पंखे चल रहे हैं।
वही ज्योति ने बताया कि सुबह से अस्पताल में लाइट नहीं है। वह अस्पताल में अपनी माता का इलाज करवाने के लिए आई थी। लेकिन उसे लाइट न होने के कारण दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया। मजबूरी में उसे अपनी माँ को टोर्च की लाइट में स्ट्रेचर पर नीचे उतारना पड़ा। अंधेरे में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सिविल अस्पताल की डॉक्टर वरिंदर कौर से जब इस मामले को लेकर बात की गई, तो उन्होंने कहा कि बारिश का पानी बिजली की तारों में चला गया है, जिस कारण सप्लाई बंद हो गई है। बिजली की तारों को ठीक करवाया जा रहा है। अस्पताल में इनवर्टर चला दिए गए है।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि जब सिविल अस्पताल में मरीजों को लेकर कोई ऐसी घटना सामने आई हो। पहले भी कई बार अस्पताल विवादों में रह चुका है। इससे पहले ट्रॉमा वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने के कारण मरीजों की मौत होने का मामला सामने आया था। वहीं आज मरीज बिना बिजली के पिछले 10 घंटे से परेशान होकर उपचार करवा रहे हैं।