धर्म: ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से चंद्रग्रहण लगना अशुभ माना जाता है इसलिए लोगों को इस दौरान विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। इस बार 7 सितंबर को साल का दूसरा चंद्रग्रहण लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण भारत के लोगों को भी दिखेगा। इसकी शुरुआत रात में 09:58 मिनट पर होगी और इसका समापन रात 1:26 मिनट पर होगा। स्थानीय ग्रहण की अवधि 3 घंटे 28 मिनट्स 02 सैकेंड्स की होगी हालांकि यह ग्रहण भारत में भी दिखेगा इसलिए इसका सूतक भी यहां पर मान्य होगा।
इतने समय तक रहेगा सूतक काल
चंद्र ग्रहण का सूतक 7 सितंबर को दोपहर 12:19 से शुरु होगा और इसकी समाप्ति 8 सितंबर की देर रात 1:26 पर होगी। बच्चों, बूढ़ों और अस्वस्थ लोगों के लिए सूतक शाम 6:36 पर शुरु होगा और इसकी समाप्ति ग्रहण खत्म होने के बाद होगी।
क्या होता है सूतक?
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण से पहले एक निश्चित समय अवधि को सूतक के तौर पर जाना जाता है। चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरु होगा। वहीं सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले ही लग जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल के समय पृथ्वी पर वातावरण दूषित हो जाता है परंतु सूतक के अशुभ दोषों के सुरक्षित रहने हेतु खास सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है।
सूतक में क्या नहीं करना चाहिए?
. पूजा, हवन, यज्ञ, मूर्ति स्थापना, शादी, गृह प्रवेश जैसा कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए।
. सूतक काल में खाना बनाना या फिर खाना नहीं चाहिए।
. बाल कटवाना, नाखून काटना, दाढ़ी बनाना या कोई भी शारीरिक शुद्धिकरण के काम भी इस दौरान नहीं करने चाहिए।
. मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज जैसी तामसिक चीजों का सेवन भी इस दौरान नहीं करना चाहिए।
. यदि जरुरी नहीं है तो यात्रा न करें खासतौर पर यदि आप किसी लंबी यात्रा पर जा रहे हैं तो न जाएं।
. कोई नया व्यवसाय, परियोजना या निवेश शुरु न करें।
. गर्भवती महिलाओं को इस दौरान सूई, चाकू या फिर किसी भी तरह की नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
सूतक में क्या करें?
. सूतक के दौरान भगवान के नाम का जाप करें जैसे कि ओम नम: भगवते वासुदेवाय नम: और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
. ग्रहण खत्म होने के बाद नहाएं और पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।
. ग्रहण के बुरे प्रभाव से खुद को बचाने के लिए गरीबों को दान जरुर करें।