सोमवार शाम मकानों में दरारें आने पर स्थानीय प्रधान एवं नायब तहसीलदार ने तीनों परिवारों को भेजा था सुरक्षित स्थान पर
ऊना/सुशील पंडित: उपमंडल बंगाणा की ग्राम पंचायत थहड़ा रामगढ़ धार के गांव घयोड घरवासड़ा में सोमवार रात हुई भीषण आपदा ने तीन परिवारों का सबकुछ छीन लिया। विधवा पिंकी देवी पत्नी स्वर्गीय गुरबख्श सिंह, तरसेम लाल पुत्र संत राम और जगदीश चंद पुत्र संत राम का घर सोमवार शाम करीब सात बजे खतरे की जद में आ गया। हालात को देखते हुए स्थानीय पंचायत प्रधान गुरनाम सिंह, नायब तहसीलदार बलविंदर सिंह और ग्रामीणों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। मवेशियों को भी ग्रामीणों ने मिलजुल कर बचा लिया। मंगलवार सुबह तक हालात और बिगड़ गए। लगातार बारिश से भूमि खिसकने के कारण इनके पक्के मकान करीब 80 मीटर नीचे जाकर पूरी तरह ध्वस्त हो गए। घर-आंगन के साथ उपजाऊ भूमि भी बह गई। अब इन परिवारों के पास न तो रहने को मकान बचा है और न ही खेती के लिए जमीन, घर में रखा राशन, कपड़े और सामान सबकुछ मलबे में दब गया। बचा तो सिर्फ उनके शरीर पर पहना कपड़ा। अनुमान के मुताबिक प्रत्येक परिवार को लगभग 50-50 लाख रुपये का भारी नुकसान हुआ है।

इस त्रासदी की जानकारी मिलते ही जिला परिषद सदस्य कृष्ण पाल शर्मा मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों का हाल जाना। कृष्ण पाल शर्मा ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि इन परिवारों को पुनर्वास के लिए स्थायी भूमि उपलब्ध करवाई जाए और पक्के मकान बनाने के लिए पर्याप्त धनराशि मुहैया करवाई जाए। उन्होंने कहा कि जब तक इन परिवारों को नए मकान और जमीन नहीं मिलती, तब तक प्रशासन को इन्हें अस्थायी आश्रय, राशन और कपड़े उपलब्ध कराना चाहिए।
वहीं, पंचायत प्रधान गुरनाम सिंह ने कहा कि पीड़ित परिवारों की स्थिति बेहद दयनीय है। वे पूरी तरह से सरकार और प्रशासन की मदद पर निर्भर हैं। अगर समय रहते मदद नहीं मिली तो इन परिवारों का जीवन संकट में पड़ जाएगा। अब ग्रामीणों की उम्मीदें केवल सरकार और प्रशासन पर टिकी हैं। ग्रामीणों ने राज्य सरकार से अपील की है कि ऐसे संवेदनशील इलाकों का सर्वे कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर बसाया जाए।