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Donald Trump नहीं रुकवा पाए Russia-Ukrain की जंग, दोनों देशों में तेज हुई लड़ाई

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नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय सवालों के घेरे में आ गए हैं। व्हाइट हाउस में 15 अगस्त 2025 को अलास्का में ट्रंप ने रुसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी। इस बातचीत को रुस और यूक्रेन के बीच में युद्धविराम की दिशा में एक टर्निंग पाइंट बताया जा रहा था परंतु उसका नतीजा उल्टा ही हुआ और जंग और ज्यादा तेज हो गई।

इस मीटिंग से पहले ट्रंप ने यह दावा किया था कि उनका लक्ष्य तत्काल सीजफायर को हासिल में करना है और यदि यह नहीं हुआ तो रुस पर गंभीर परिणाम होंगे परंतु इस शिखर सम्मेलन के बाद 15 दिन गुजर चुके हैं और इस जंग को खत्म करने की दिशा में कोई भी खास कदम नहीं उठाया गया है। 15 अगस्त के बाद ट्रंप की धमकियों की परवाह किए बिना युक्रेन पर हमले तेज कर दिए।

यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि अलास्का में पुतिन-ट्रंप की बातचीत के तुरंत बाद रुस ने 85 ड्रोन और एक इस्कंदर बैलेस्टिक मिसाइल से यूक्रेन पर हमले किए परंतु यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम ने 61 रुसी ड्रोन्स को रोक दिया। रुस ने 20-21 अगस्त को यूक्रेन पर डोन्स और मिसाइलों के साथ बड़ा हमला किया। ये 2025 का तीसरा बड़ा हमला था। इसमें रुस ने 574 ड्रोन्स और 40 मिसाइलें दागी। यह हमला कीव, लीव और बाकी क्षेत्रों जैसे कि सुमी, चेर्निवत्सी और डिनीप्रोपेट्रोव्सक पर केंद्रित था। इस हमले में 9 नागरिकों की मौत हो गई जिसमें 4 बच्चे शामिल थे। वहीं इस हमले में 19 लोग घायल हो गए।

रुस ने डोनेट्स्क क्षेत्र में कुछ गांवों पर कब्जा करने का दावा किया था जो कि रणनीतिक शहर क्रामोटोर्स्क की ओर बढ़ने का भी हिस्सा था। सुमी क्षेत्र में रुसी ड्रोन हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 14 लोग घायल हो गए हैं। इनमें से एक परिवार के 3 बच्चे शामिल थे।

28 अगस्त को रुस की ओर से हाल के समय में यूक्रेन पर किया गया। यह सबसे बड़ा अटैक था इसमें रुस ने 629 ड्रोन्स और मिसाइलों रुस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला किया। इस हमले में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 48 लोग घायल हो गए हैं। रुसी हमले में यूरोपीय यूनियन की इमारत को भी नुकसान हुआ है। रुस ने यूक्रेन पर हमला किया तो यूक्रेन की ओर से भी जवाबी अटैक किए गए।

इसलिए तेज हुई दोनों देशों की लड़ाई

यूक्रेन में शांति की स्थापना के लिए पुतिन ने हमेशा से यूक्रेन संकट के मूल कारणों को हल करने की बात की है। इसमें उसकी मांगें भी शामिल है। उसकी मांग है यूक्रेन नाटो से दूरी बनाए डोनबास क्षेत्र पर रुस का नियंत्रण हो जाए और यूक्रेन की सैन्य ताकतों में कमी आए। यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी पश्चिमी देश दे परंतु यूक्रेन ने पुतिन की मांगों को अस्वीकार कर दिया है। विशेष तौर पर डोनेटस्क और लुहान्स्क को रुस को सौंपने की मांग की है। जेलेंस्की ने कहा है कि क्षेत्रीय रियायतें यूक्रेन के संविधान के खिलाफ हैं रुस की मांगें अनुचित हैं। इस स्थिति के बाद से रुस ने हमला तेज कर दिया है। रुस यह चाहता है कि डोनबास क्षेत्र में उसकी बढ़त कायम रहे प्रगति निरंतर होती रहे।

परंतु यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने किसी भी क्षेत्रीय रियायत को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि युद्ध का अंत रुस की पूरी वापसी और यूक्रेन के क्षेत्रीय अखंडता के साथ ही संभव होगी।

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