पठानकोटः पंजाब में लगातार हो रही बारिश से राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ घए है। पिछले 10 दिनों से पठानकोट ज़िले के सुजानपुर और भोआ विधानसभा क्षेत्र के लोग बाढ़ जैसे हालात से जूझने को मजबूर हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण कई गांव रावी, जलालिया और उज नदियों की चपेट में आ गए हैं। जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। दूसरी ओर पशुओं का चारा भी इन नदियों में बह गया है।
यहां तक कि लोगों के घरों में पानी घुस गया है और लोगों का कीमती सामान भी इन नदियों की चपेट में आ गया है और कल माधोपुर में बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए तीन गेट टूट गए। तीन गेट गिरने से स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग को भी अब भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। टूटे हुए गेटों से रावी नदी में पानी बेरोकटोक बह रहा है, जिससे सुजानपुर और भोआ हलके के गांवों में इस पानी से नुकसान होने का डर बना हुआ है।
जब स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सिविल अस्पताल के एसएमओ सुनील चंद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिले में इस समय बाढ़ की स्थिति है और हर जगह पानी टकरा रहा है। इसे देखते हुए सिविल अस्पताल ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अगर कोई भी आपातकालीन स्थिति आती है तो सिविल अस्पताल उससे निपटने के लिए तैयार है। इस मौके पर उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति पानी की चपेट में आता है तो उसे सिविल अस्पताल पठानकोट में लाया जाए, जहां उसका इलाज पूरी तरह से मुफ्त किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में उनके पास पूरी सुविधाएं हैं, जिससे मरीजों के इलाज में कोई कमी नहीं आएगी।